
मुंबई। दो रूपए मिलते हैं इन्हें ट्रोल करने की एवज में, जिनके खुद के घर शीशे के हो वो किसी दूसरे के घर पर पत्थर नहीं मारा करते। फिल्मी कलाकारों को जो भी उनकी ड्रेस को लेकर ट्रोल करते हैं, उन्हें खुद नहीं पता होता कि उनके घर परिवार की महिलाएं कहा जा रही हैं और वहां जाकर न जाने क्या-क्या कर रही हैं। दरअसल इंडस्ट्रीज में ही कुछ लोग ट्रोल करने का धंधा चला रहे हैं, ये वो लोग हैं जो इंडस्ट्रीज में चल पाए हैं या जिन्हें इन्डस्ट्री ने कूडा समझ कर उठाकर बाहर फैक दिया है। एक ट्रोल के दो रुपए मिलते हैं भूमि पेडरेकर को उनकी ड्रेस को लेकर ट्रोल किया जा रहा है, इन चुतियों से कोई पूछे कि जो भी फिल्म की डिमांड होगी या जिस प्रकार का चलन इंडस्ट्रीज में होगा वैसे ही ड्रेस पहनी जाती है। यदि कोई भी कलाकार इंडस्ट्रीज के चलने के मुताबिक नहीं चलता तो वो पीछे रह जाता है। ऐसे लोगों को यह भी याद रखना चाहिए कि राजकपूर की बॉबी फिल्म में डिंपल कपाडिया को फिल्म की डिमांड के मुताबिक कपड़े पहनाए थे और फिल्म सुपर हिट हुई थी। राम तेरी गंगा मैली याद तो होगी मंदाकिनी की ड्रेस वो भी फिल्म सुपरहिट हुई थी और राजकपूर की ही सत्यम शिवम सुंदर में जीनत अमान की ड्रेस वो भी फिल्म सुपर हिट हुई थी। लंबी लिस्ट है ऐसी फिल्मों की जो कहानी की डिमांड के मुताबिक हीरोइन ने कपड़े पहने। लेकिन जो ट्रोल करते हैं उन्हें इस बात से कुछ नहीं लेना उन्हें तो बस इतना पता है कि दो रुपए प्रति टोल मिलने हैं। अरे इससे तो अच्छा है कि कहीं भीख मांगने को बैठ जाओ और इंडस्ट्रीज को गंदा करना बंद करो। बल्कि जो भी कहानी की डिमांड के मुताबिक कपड़े पहनती हैं उनकी हौसला अफजाई करो। डिंपल के अलावा भी ऐसी तारिकाओं की एक लंबी लिस्ट है जिन्होंने कहानी व चलन के मुताबिक ड्रेस पहनी और कामयाबी उनके कदमों में थी। मुलाहजा फरमाएं।















ये सब वो हैं जिनके बगैर कोई भी महफिल अधूरी मानी जाती है। इसको ट्रोल करने वाले क्या जाने क्यों वो तो सलम डॉग से ज्यादा नहीं। इंडस्ट्रीज क्या होती है, वहां के रिवाज और चलन क्या है जिसके मुताबिक खुद को ढालना होता है। इसलिए कभी ट्रोल करने वालों को सीरियसली नहीं लेना चाहिए ये सब स्ट्रीट डॉग हैं उससे ज्यादा कुछ भी नहीं।