भाजपा की स्क्रिप्ट, पास्ट रहा है काला स्याह बड़े भ्रष्टाचारी का तमगा, सोशल मीडिया पर #Expose272 ट्रेंड
नई दिल्ली। जिनका पास्ट बेहद शर्मनाक रहा हो वो यदि नैतिकता की बात करें तो बेशर्मी भी शरमा जाए और फिर काहे की नैतिकता की बात, गलत को गलत कहना क्या गलत है। फिर ये तमाम बात वो कर रहे हैं जो खुद पूर्व में घपले घोटालों से घिरे हुए हैं, इसलिए जिन 272 ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी उनमें कुछ मुंह छिपाने को मजबूर हैं। राहुल गांधी का चिट्ठी लिखकर इन्होंने अपनी फजीहत करा डाली है। लोगों ने उनके कारनामे सोशल मीडिया पर उजागर कर दिए हैं। अब ये घर के रहे ना घाट के।
कांग्रेस का ‘रेवेंज मोड’ ऑन
कांग्रेस ने तुरंत ‘रेवेंज मोड’ ऑन कर दिया। सोशल मीडिया पर #Expose272 ट्रेंड कर रहा है, जहां हर साइनर की ‘कुंडली’ शेयर हो रही। एक पोस्टर में लिखा: “ये वही लोग हैं जो EC को बचाने आए, लेकिन खुद CBI की लिस्ट में थे!” क्या ये चिट्ठी असल में BJP का ‘प्लांटेड’ मूव है? या रिटायर्ड अफसरों का ‘फ्रस्ट्रेशन आउटबर्स्ट’? विपक्ष कहता है: “272 नहीं, 272+1 (मोदी जी) का ग्रुप लगता है!”
भाजपा की स्क्रिप्ट पर डॉयलॉग
18 नवंबर को जारी इस ‘ओपन लेटर’ ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। टाइटल? “Assault on National Constitutional Authorities” – यानी संस्थाओं पर ‘हमला’। इन 272 हस्तियों ने राहुल पर निशाना साधा: “तुम बिना सबूत के चुनाव आयोग (EC) को बदनाम कर रहे हो! वोट चोरी के दावे करो, लेकिन कोर्ट में शिकायत क्यों नहीं? ये तो हताशा का गुस्सा लगता है!” राजनीति के इस ड्रामेबाज़ अखाड़े में कभी-कभी ऐसा ट्विस्ट आ जाता है कि लगता है, बॉलीवुड ने भी हार मान ली! कल्पना कीजिए: एक तरफ लोकसभा के लीडर ऑफ ओपोजिशन राहुल गांधी, जो चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ के ‘एटम बम’ वाले बम फोड़ रहे हैं। दूसरी तरफ, 272 रिटायर्ड ‘बिग विग्स’ – जज, ब्यूरोक्रेट्स, आर्मी अफसर और राजदूत – जो एक खुला चिट्ठी लिखकर राहुल को लताड़ लगाते हैं। लेकिन असली मसाला? ये 272 ‘संतों’ की कुंडली खंगालने पर खुलासा होता है कि कईयों का पास्ट इतना काला है कि राहुल की ‘चोरी’ वाली बातें फीकी पड़ जाएं। क्या ये चिट्ठी लोकतंत्र की रक्षा है या ‘सत्ता के दलालों’ का काउंटर-अटैक? चलिए, इस ‘एक्सपोज़’ को डिकोड करते हैं – रोचक ट्विस्ट के साथ!
कांग्रेस ने जवाबी हमला बोला: “ये 272 कौन? भ्रष्टाचार के चैंपियन!” और सत्य हिंदुस्तान जैसी रिपोर्ट्स ने खुलासा किया कि कई साइनर्स का पास्ट इतना विवादित है कि चिट्ठी पढ़ते हुए हंसी आ जाए। यहां कुछ ‘हाइलाइट्स’ – टेबल फॉर्मेट में, ताकि आसानी से ‘डाइजेस्ट’ हो:
| हस्ताक्षरकर्ता | पद | ‘डर्टी’ पास्ट का ट्विस्ट | कनेक्शन? |
|---|---|---|---|
| दीपक सिंघल | पूर्व IAS (उत्तर प्रदेश) | गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप; CBI जांच में नाम। कांग्रेस ने इन्हें ‘पोस्टर बॉय’ बनाया! | योगी सरकार के ‘फेवरेट’ प्रोजेक्ट को बचाने की कोशिश? |
| अज्ञात पूर्व जज (कई) | रिटायर्ड HC/SC जज | कोलेजियम सिस्टम में पक्षपात के पुराने आरोप; एक ने तो ‘सत्ता से सेटलमेंट’ का केस फेस किया। | EC को ‘क्लीन चिट’ देने वाले जजों का क्लब? |
| सैन्य अफसर (कई नाम अज्ञात) | रिटायर्ड आर्मी/BSF | आर्म्स डील स्कैंडल्स में नाम; एक का लिंक अग्निवीर भर्ती विवाद से। | ‘रिटायरमेंट बेनिफिट्स’ के बदले चुप्पी? |
| पूर्व राजदूत | IFS रिटायर्ड | विदेश नीति में ‘लॉबीइंग’ के आरोप; एक ने तो ‘फॉरेन फंडिंग’ वाली NGO से लिंक। | अंतरराष्ट्रीय ‘EC सपोर्ट’ का एंगल? |
स्रोतों के मुताबिक, इनमें से 20% से ज्यादा के खिलाफ कभी न कभी CBI/ED की नजर रही। कांग्रेस नेता अलका लांबा तो फट पड़ीं: “बेशर्म, बिकाऊ, भ्रष्ट, कायर, सत्ता के दलाल!” और सपा के मनीष जगन अग्रवाल ने चेतावनी दी: “फैक्ट्स चेक करो, वरना गठबंधन फटेगा!