भीषण बिजली संकट का खतरा

kabir Sharma
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मेरठ/ आने वाले दिनों में जैसे-जैसे बिजली की मांग बढ़गी वैसे ही वैसे बिजली संकट गराता जाएगा। आने वाले दिनों में भीषण बिजली संकट आसन्न माना जा रहा है। बिजली अफसरों की जिस प्रकार के एक्टिविटिज नजर आ रही है उससे साफ है कि आने वाले दिनों में बिजली रूलाने वाली है। बिजली अफसरों के दाबों के इतर बिजली संकट झेलने के लिए उपभोक्ता तैयार रहे। महकमे के सूत्रों का कहना है कि बिजली संकट के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। गर्मी के मौसम में बिजली की मांग बढ़ने के कारण, बिजली कटौती की मजबूरी होती है। इसलिए अपने घरों और उपकरणों को बिजली संकट के लिए तैयार रखना महत्वपूर्ण है।
पडेगी दोहरी माह
आने वाले भीषण गर्मी चलते बिजली संकट आसन्न है। उपभोक्ताओं पर दोहरी मार की तैयारी है। पहली तो बिजली के बिलों में सूबे की योगी सरकार तीन फीसदी की वृद्धि करने जा रही है। तर्क दिया जा रहा है कि गर्मी के मौसम में बिजली पैदा करने वाली कंपनियों ने बिजली महंगी कर दी है। जिनसे बिजली खरीदी जाती है उनका तर्क है कि डिमांड अधिक है और कोयले की भारी कमी है। देश में सत्तर फीसदी बिजली कोयल से बनायी जाती है। यह तो बात हुई बिजली के बिलों की जो कभी भी तीन फीसदी बढकर आस सकते हैं।
अभी से कटौती कर आदत डालने की तैयारी तो नहीं
बिजली की जिस प्रकार से अभी से कई-कई घंटों की कटौती की जा रही है, उससे कहीं अभी से बिजली संकट के लिए तैयार रहने की आदत डालने की तैयारी तो विभाग नहीं कर रहा है। अभी से बिजली के पांच पांच घंटे के कट तो शहर में लग रहे हैं। देहात की दशा और भी ज्यादा खराब है।
डिमांड के साथ बढेगी कटौती
इसमें दो राय नहीं की गर्मी के मौसम में बिजली की डिमांड अधिक होती है। सर्दी के मौसम के अनुपात में बिजली की डिमांड दो गुने से ज्यादा हो जाती है। बिजली की डिमांड तो दोगुनी होती है लेकिन उपकरण दो गुने नहीं होते। जो स्टाफ इन उपकरणों की देखभाल करता है वो दोगुना नहीं होता। और तो और ट्रांसफार्मर जिसे बिजली उपभोक्ताओं तक पहुंचायी जाती है उनकी भी संख्या यथावत रखी जताी हे कोई बढौत्तरी नहीं की जाती है। इन दिनों भले ही मौसम मेहरबान हो लेकिन बिजली अफसरों की मानें तो मौसम की मेहरबानी के बाद भी डिमांड में कोई कमी नहीं होती।
खपत के कई होते हैं कारण
एक और चौंकाने वाली बात बतायी गयी है वो यह कि अवकाश के दिनों में बिजली की डिमांड में जबरदस्त इजाफा होता है। इन दिनों में आकर बिजली की डिंमांड इसलिए भी अधिक बढ जाती है क्योंकि बच्चों की छुट्टियां होती हैं अवकाश के दिन होते हैं ऐसे में मेहमानों का आना जाना लगा रहता है। इसके अलावा अब हर घर में ऐसी होता है। जब हर घर में ऐसी होगा तो वह चलाया भी जाएगा। ऐसे में बिजली का होना लाजमी हैं।
अगले माह से कटौती ज्यादा
आने वाले जुलाई माह में बिजली संकट या कहें डिमांड बढ जाने की बात बिजली प्रशासन से जुडे उच्च पदस्थ अफसर मान रहे हैं। उनका कहना है कि मई जून के मुकाबले में जुलाई के महीने में बिजली का खर्च बढ जाता है। ऐसे में जब डिमांड बढ जाती है तो सप्लाई का शेडयूल गडबडा जाता है। जो कुछ बिजली महकमे के अफसर आॅफ दा रिकाड बता रहे हैं उसके चलते यह साफ है कि बिजली संकट का बढना तय है। इसके लिए उपभोक्ता तैयार रहे, ऐसा नहीं है कि अभी बिजली संकट नहीं है। बिजली कटौती से ना तो शहर मुक्त हैं ना देहात के उपभोक्ता मुक्त है। बिजली संकट अभी भी जारी है लेकिन जैसे जैसे उमस बढेगी और डिमांड में इजाफा होना है बिजली संकट बढेगा हालांकि महकमे के अफसरों की ओर से प्रयास है कि उपकरण ठीक काम करते रहे, लेकिन ये प्रयास जब डिमांड बढती है तो हिचकोले खाने लगते हैं।
वर्जन
पीवीवीएनएल एमडी ने उपभोक्ताओं से गर्मी में संयम से काम लेने को कहा है। साथ ही अफसरों को नाइट मूवमेंट बढ़ाने को कहा है। किसी भी दशा में उपकरण काम करते रहें।

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