
दिल्ली। सांसद इकरान हसन के मामले को लगता है कि एसडीएम ने उड़ता तीर पकड़ लिया है। मुजफ्फर नगर में एक एसड़ीएम के व्यवहार को लेकर भले ही भाजपाइयों कमीज के कालर ऊपर कर घूम रहे हों, लेकिन सपा सांसद इकरा हसन इकरा कैराना जो कैरान सांसद हैं, उनको लेकर जो कुछ एसडीएम ने कहा है सपा नेताओं का कहना है कि उसको किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जा सकता। सांसद इकरा हसन ने एडीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कथित तौर पर सांसद ने कहा है कि एडीएम ने उन्हें कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा। इसी के बाद इकरा हसन ने सहारनपुर के मंडलायुक्त अटल राय को इस मामले की लिखित शिकायत की। वहीं, दूसरी तरफ एडीएम ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने कोई भी अभद्रता नहीं की है, जो आरोप लग रहे हैं वो निराधार है। इकरा के साथ मौजूद छुटमलपुर की नगर पंचायत अध्यक्ष को एडीएम ने किसी मामले में डांट दिया था। इकरा हसन ने जब बीच में हस्तक्षेप किया तो एडीएम संतोष बहादुर ने इकरा हसन को कथित रूप से अपने कार्यालय से बाहर निकलने के लिए कह दिया. साथ ही यह भी कहा कि ये उनका दफ्तर है और वो कुछ भी कहने ओर करने के लिए स्वतंत्र है। वहीं दूसरी ओर भाकियू टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार में अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। कैराना सांसद इकरा हसन के साथ सहारनपुर के एडीएम प्रशासन द्वारा किया गया अभद्र व्यवहार इसका ताजा उदाहरण है। उत्तराखंड के टीकरी गांव मंदिर से पूजा कर वापस लौटते समय राकेश टिकैत कुछ देर के लिए मनोहरपुर और छुटमलपुर में रुके थे। राकेश टिकैत ने कहा कि युवा नेता देश की धरोहर हैं। सांसद के साथ ऐसा व्यवहार अधिकारियों की तानाशाही को उजागर करता है। जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। अधिकारियो के दिमाग खराब हो गए हैं। कहा कि सरकार योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ छल कर रही है। सरकार किसानों को एक साल में छह हजार रुपये मिलने वाली सम्मान निधि में ही उलझा कर रखना चाहती है। सपा के कई नेता व सांसद इकरा हसन के साथ खड़े हैं। सपा सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा है कि इस मामले पर चुप रहने वाले नहीं