नई दिल्ली। पिता वो होता है जो बजार से गुजरता है और अपना मन मारकर वो खरीदता है जो उसके बच्चों को पसंद होता है। पांव में टूटी चप्पल होती है और जेब में पैसे भी होते हैं, लेकिन वो अपने लिए चप्पल खरीदने के बजाए अपने बच्चों की पंसद की कोई चीज खरीदता है। पिता सूरज के समान होता है, उसकी डांट फटकार को सूरज के समान समझा करें। सूरज नहीं हो तो यह सारी दुनिया ही खत्म हो जाए और पिता ना हो बच्चों और परिवार के लिए कुछ नहीं। जिस तरह से दुनिया के लिए सूरज की गर्मी जरूरी है उसी तरह से बच्चों के लिए पिता को गुस्सा होता है। वो इसलिए गुस्सा करता है ताकि उसके बच्चे सही रास्ते पर चलें। पिता वो होता है जो दिन भर थका मंदा होते हुए भी शाम को बच्चों को कंधे पर बैठा कर घुमाने लेकर जाता है। वाे नहीं कहता कि मैं थका हुआ हूं.. 15 जून को पूरी दुनिया में फादर्स डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। फादर्स डे दुनिया के सभी पिताओं को समर्पित होता है। यह दिन जून महीने के प्रत्येक तीसरे संडे को सेलिब्रेट किया जाता है। एक पिता अपने परिवार का मुखिया होता है। एक मजबूत स्तंभ होता है। जिस तरह से मां अपने बच्चों का सहारा होती है, उनकी देखभाल करती है, उसी तरह पिता अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए दिन-रात मेहनत करता है. फादर के बिना घर अधूरा सा लगता है. अपने बच्चों की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं हर किसी के पिता। ऐसे में फादर्स डे के उपलक्ष में बच्चों को भी अपने पापा के चेहरे पर मुस्कान लाने, उन्हें खुश रखने के लिए हर दिन प्रयास करना चाहिए। सिर्फ आज के दिन ही नहीं, बल्कि जीवन भर अपने पापा का आप ख्याल रखने का संकल्प भी लें। उन्हें कभी भी ऐसी बात ना कहें,जिससे उनके दिल को ठेस पहुंचे। पिता वो हाेता है जो अपने बच्चों की बुराई पर भी उन्हें आर्शीवाद देता है।
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एमडी का गर्मी में संयम बरतने का आग्रह