ये रिश्ता क्या कहलाता है

kabir Sharma
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यूपी विधानसभा चुनाव से पहले नहीं चाहती कि जांच ऐजेंसियां पुरानी फाइलों की धूल झांडना शुरू कर दें, राजनीतिक और चुनावी मजबूरियां ले आयी हैं भाजपा के करीब

नई दिल्ली। जन्म दिन के मौके पर कार्यकर्ताओं के समक्ष बहन जी ने जो कुछ भी भाजपा को लेकर कहा विशेषज्ञ उसको चुनावी मजबूरी से ज्यादा कुछ नहीं मान रहे हैं। दरअसल बहन जी नहीं चाहती हैं कि पार्टी को चुनाव में उतारने से पहले जांच ऐजेंसियां उनकी पुरानी फाइलों की धूल झाड़ने लगें। इसी के चलते वो बेहद सावधानी से कदम रख रखी हैं। दरअसल यूपी में जो भी नेता जेल भेजे गए वो फिर मुंह खोलने लायक रहे ही नहीं। केवल नेता ही नहीं उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी ऐसा ही हुआ। यह बात अलग है कि परिवार के सदस्याें को जेल भेजे जाने के मामले में अदालात ने कड़ी फटकार भी लगायी। बहन जी ऐसा कुछ नहीं चाहती कि उनके साथ वो हो जो दूसरों के साथ हो चुका है।

इसके अलावा दूसरी बात यह कि बहन जी को इस बात का पता है कि यूपी में उनका वोट बैंक अब उतना फीसदी उनके साथ नहीं जितना पहले हुआ करता था। इसका बड़ा हिस्सा चंद्रशेखर के साथ चला गया है। प्रदेश भर में बसपा के जो नेता कभी बहन जी के नाम की माला जपते थे वो अब चंद्रशेखर के साथ है। ऐसे में बहन जी को यदि सत्ता के करीब पहंचना है तो भाजपा का साथ जरूरी है। इसीलिए वो समाजवादी पार्टी पर जबरदस्त हमलावर है क्योंकि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, सपा की भाजपा से अदावत जग जाहिर है।

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