गरीबों से निगम की लूट कब रुकेगी

kabir Sharma
4 Min Read
WhatsApp Channel Join Now

हाउस टैक्स के नाम पर गरीबों पर चाबुक, पार्षदों के विरोध के बाद भी नहीं माने, नहीं बदल रहा निगम के गृहकर निर्धारण अधिकारी का रवैया,पब्लिक परेशान

मेरठ। पार्षदों विरोध और सैकड़ों गृहस्वामियों के हंगामे के बाद भी नगर निगम में हाउस टैक्स निर्धारण के नाम पर खुली लूट जारी है। चहूं ओर निगम की फजीहत कराने के बाद भी निगम के गृहकर निर्धारण अधिकारी का रवैया नहीें बदल रहा है। अनाप-शनाप हाउस टैक्स लगाए जाने से परेशान निगम पहुंचने वाले लोग अब तो अफसरों और पार्षदों के सामने दस हजार रुपए की रिश्वत देकर हाउस टैक्स कम कराने के आरोप लगा रहे हैं। केवल गृहस्वामी ही नहीं बल्कि तमाम पार्षद भी अनाप शनाप बिल भेजे जाने के आरोप निगम के गृहकर निर्धारण अधिकारी पर लगा रहे हैं।

नियम विरुद्ध टैक्स क्यों

वहीं दूसरी ओर हाउस टैक्स निर्धारण की यदि बात की जाए तो हाउस टैक्स निर्धारण करने वाला स्टाफ अनाप-शनाप टैक्स लगाकर भेज रहा है। जहां हाउस टैक्स लग भी नहीं सकता, वहां भी हाउस टैक्स लगाया जा रहा है। नियमानुसार पचास वर्ग गज के भवन पर किसी प्रकार का हाउस टैक्स नहीं लगाया जा सकता, लेकिन लगता है कि स्वकर निर्धारण अधिकारी पर योगी सरकार के कायदे कानून लागे नहीं होते। तभी तो महज तीस गज के भवन पर ६८ हजार रुपए का हाउस टैक्स लगा दिया। इतना ही नहीं जब यह बताया कि नियमानुसार यह लग नहीं सकता तो उसके बाद भी गलती मानते हुए हाउस टैक्स को नहीं हटाया। आरोप है कि जब दस हजार का सुविधा शुल्क ले लिया उसके बाद हाउस टैक्स कम कर दिया गया।

कृपा पात्रों के लिए उल्टी गंगा हैं बहा रहे

ऐसा नहीं कि सभी के हाउस टैक्स बढ़ाए जा रहे हैं। आरोप है कि जो कर निर्धारण अधिकारी के कृपा पात्र बने हुए हैं, उनके हाउस टैक्स पहले से कम कर दिए गए हैं। ब्रहमपुरी के पंजाया इलाके में पार्षद का हाउस टैक्स पहले से करीब सत्तर फीसदी घटना दिया। इसी प्रकार का एक मामला विनस गार्डन का बताया गया है उिसमें भी आधे से कम हाउस टैक्स कर दिया गया। इसके इतर शास्त्रीनगर क्षेत्र के पार्षद पवन चौधरी ने ऐसे करीब पचास हाउस टैक्स के नोटिस कर निर्धारण अधिकारी शिव कुमार गौतम को सौंपे हैं जिनमें अनान-शनाप हाउस टैक्स थोप दिए गए हैं।

यह बोले आरटीआई एक्टिविस्ट

सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट भाजपा के सुशील रस्तौगी ने बताया कि उन्होंने करीब पांच सौ ऐसे मामले में जमा किए हैं जिनमें नियमानुसार या तो हाउस टैक्स लगाया नहीं जाना चाहिए था या फिर अनाप-शनाप हाउस टैक्स थोप दिए हैं। उन्होंने बताया कि इसकी समरी बनाकर वह जिलाधिकारी व मंडलायुक्त को जांच के आग्रह के साथ सौंपेगे। उनका कहना है कि हाउस टैक्स के नाम पर खुली लूट की जा रही है। शहर के लोगों को इससे बचाने के पार्षदों को एकजुटता दिखानी चाहिए।

- Advertisement -
WhatsApp Channel Join Now
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *