राहुल गांधी का पत्र लिखने वाले बेनकाब, देश के बुद्धिजीवी कर रहे हैं इनकी आलोचना, सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है फॉर सेल
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को सवाल लिखने वालों की असलियत सामने आ गयी है, सोशल मीडिया पर उन्हें बुरी तरह से ट्रोल किया जा रहा है। पूछा जा रहा है कि जब मणिपुर चल रहा था बेटियों को नंगी कर घुमाया जा रहा था, तब ये कहां थे। क्या इन्हें मणिपुर की नंगी घुमाई जा रही बेटियां नजर नहीं आ रहा थी क्या वो बेटियां भारत की बेटियां नहीं थी जिन्हें आताताई नंगा कर घुमा रहे थे। शर्म आनी चाहिए इन सभी को.. यह सब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।
झूठा बताया जा रहा राहुल परआरोप
जिन्होंने राहुल गांधी परआरोप लगाया है उन्हें झूठा करार दिया जा रहा है। आज सवाल उठ रहा है उन 252 ‘प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों’ का, जिन्होंने हाल ही में विपक्षी नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर संवैधानिक संस्थाओं पर हमले का आरोप लगाया। जब मणिपुर जल रहा था और महिलाओं को नंगी सड़कों पर घुमाया जा रहा था, तब ये ‘रक्षक’ कहाँ थे? यह सवाल सोशल मीडिया पर तूफान मचा रहा है, जहाँ लोग इसे ‘चुप्पी का साजिशी नाटक’ बता रहे हैं।
बुद्धिजीवियों की चुनिंदा चुप्पी
19 नवंबर 2025 को 272 (कुछ स्रोतों में 252 उल्लिखित) प्रमुख हस्तियों – जिसमें 16 रिटायर्ड जज, 123 पूर्व नौकरशाह, 14 पूर्व राजदूत और 133 रिटायर्ड सैन्य अधिकारी शामिल हैं – ने राहुल गांधी को एक खुला पत्र लिखा। पत्र का शीर्षक था ‘राष्ट्रीय संवैधानिक प्राधिकरणों पर हमला’। इसमें कांग्रेस और राहुल पर आरोप लगाया गया कि वे ‘विषैली बयानबाज़ी’ से चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की साख को नुकसान पहुँचा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष ‘संस्थागत पतन’ का भ्रम फैला रहा है, जबकि वास्तविकता में ये संस्थाएँ स्वतंत्र हैं।
राहुल गांधी ही थे जो मणिपुर गए थे
जब मणिपुर में संवैधानिक तंत्र फेल हो रहा था – पुलिस की निष्क्रियता, न्याय की कमी और महिलाओं पर अत्याचार – तब ये बुद्धिजीवी कहाँ थे? राहुल गांधी ने जून 2023 में मणिपुर का दौरा किया, राहत शिविरों में पीड़ितों से मिले और शांति की अपील की। उन्होंने केंद्र से अलग प्रशासन की माँग उठाई, लेकिन इन 252 ने चुप्पी साधे रखी। कोई पत्र नहीं, कोई बयान नहीं। क्या संवैधानिक रक्षा सिर्फ़ राजनीतिक विरोध के लिए है, या पीड़ितों के लिए भी?
सोशल मीडिया पर बहस: ‘चुप्पी का राज़’
ट्विटर (अब X) पर यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है। एक यूज़र ने लिखा, “मणिपुर में जब बहनें नंगी घुमाई जा रही थीं, तब 252 बुद्धिजीवी सो रहे थे? अब राहुल को पत्र? शर्मनाक!” विपक्षी नेता प्रियंका गांधी ने भी पुरानी घटना पर सवाल उठाए, जबकि भाजपा ने इसे ‘राजनीतिक ड्रामा’ बताया।