कैंट अफसरों की पोल खोलने पर उतारू, जूता व ट्रेक सूट लेकर पैसे ना देने की बात में कितनी सच्चाई, सोशल मीडिया पर कौन कर रहा है अफसरों को बेपर्दा
मेरठ। डोर टू डोर कूडा कलेक्शन घोटाले में कैंट बोर्ड के अफसरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह भी संभव है कि केंद्रीय जांच व्यूरो यानि सीबीआई जो पहले से कैंट बोर्ड के तमाम मामलो की जांच कर रही है डोर टू डोर ठेके को लेने में अफसरों को मोटी रकम बांटने दावे का स्वत: ही संज्ञान ले ले। इस बीच यह भी चर्चा है कि पोल खुल जाने के डर से कैंट बोर्ड के कुछ अफसर अब मनाने में लग गए हैं। बताया जाता है कि श्रीराम ऐजेसी का के कारिंदे को यदि नहीं मनाया जा सकता तो हो सकता है कि कई अफसरों का बोरिया बिस्तर बंध जाए।
कैंट की सफाई व्यवस्था ठप्प
पांच वार्डों की सफाई व्यवस्था का करोड़ों का ठेका देकर कैंट बोर्ड अफसरों ने लगता है कि उड़ता तीर पकड़ लिया। सफाई इंतजाम कैसे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह नौ बजे तक कई प्रमुख स्थानों पर कूडा कचरा फैला रहता है। इससे पहले ऐसा नहीं था, जब कैँट बोर्ड का स्टाफ सफाई कार्य करता था तो तडके तारो की छांव में पूरे कैँट की सफाई हो जाया करती थी। जब लोग मार्निंग वॉक को निकलते थे तो सड़कें साफ सुथरी और पालियां साफ मिलती थीं, लेकिन अब यह दशा कि सुबह नौ बजे जब काम धंधे पर लोग घर से निकलते हैं तो घर के पास वाला चौराहा खत्ते में तब्दील मिलता है। आवारा व छुट्टा पशु वहां डंप किया जाने वाला कुूडा कचरा दूर तक फैला देते हैं। क्योंकि श्रीराम कंपनी का स्टाफ ही काम करीब 8 बजे उतरता है। ऐसे मे सफाई व्यवस्था तो चौपट होनी ही थी। यदि कैंट बोर्ड की किरकिरी हो रही है तो वह गलत नहीं हो रही है।
क्या वाकई कैंट अफसरों ने पैसे हैं लिए
खुद को श्रीराम कंपनी का मुख्य कारिंदा बताने वाला शख्स सोशल मीडिया पर आरोप लगा रहा है कि कैंट बोर्ड के अफसरों ने ठेके की एवज में पैसे लिए हैं इस दावे में कितनी सच्चाई है यह कहना तो जल्दबाजी होगा। हां लेकिन इतना तय है कि यदि यह दावा वाकई सच साबित हुआ और सचिन ने मीडिया के सामने साक्ष्य परोस दिए तो फिर कैंट बोर्ड के कई अफसरों के लिए मुसीबत तय है। सोशल मीडिया की रिपोर्ट की माने तो सचिन ने कहा जल्द ही प्रैस कांफ्रेंस कर भ्रष्ट अधिकारियों का खुलासा करेंगे। इस मामले में ठेकेदार विजय अग्रवाल से बात करने की कोशिश की गई उन्होंने काल रिसीव नहीं की।