मेरठ। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सदर दुर्गाबाड़ी के जिन चुनावाें को लेकर रजीत जैन, मृदुल जैन, सुनील जैन और अनिल बंटी के खिलाफ FIR हो गई। पुलिस जिनको जेल भेजने की तैयारी में है, उन चुनावों का असली सूत्राधार कौन है। वो कौन है जो अब तक पुलिस की नजर में नहीं आया। जिनके खिलाफ FIR हुई है इसका खुलासा खुद उन्होंने ही करते हुए पुलिस को बताया कि जिन चुनावों को लेकर जेल जाना तय माना जा रहा है, उन चुनावों को कराने वाले प्रेम मामा। । बयानों में इस खुलासे के बाद माना जा रहा है कि पुलिस प्रेम मामा जो सराफा करोबारी है और ये जिस बंटी के नाम एफआईआर हुई है उनके पड़ौसी कहलाते है। इतना ही नहीं पंच बनने वालों में ये सबसे आगे थे बंटी के साथ ये भी पंच बने थे। सुना जाता है कि मंदिर जी एक बड़ी इन्होंने लेकर आज भी अपने पास रखे हुए हैं। सूत्रों की माने तो इन को 120 का मुजरिम बनाने जा रही है। विधि विशेषज्ञों का कहना कि इस पूरे मामले में जिसने भी चुनाव कराए और डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां लिखकर दिया कि चुनाव मैंने कराए हैं वो 120 बी का अभियुक्त बनना तय है। पूरे केस में यदि कोई गंभीर धारा है तो वो 120 बी। इसमें जमानत भी आसानी से नहीं मिलने वाली और जेल जान तो तय है। भी जानकारी मिली है कि पुलिस पहली अरेस्टिंग कभी भी कर सकती है। आला अधिकारियों ने इसको लेकर नाराजगी जतायी है कि इस केस में जब जांच पूरी हो चुकी है तो अभियुक्तों की अरेस्टिंग क्यों नहीं की जा रही है। इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि जो लोग अभियुक्तों को किसी भी तरह बचाने की बात कह रहे हैं उनके प्रयास रंग नहीं लाने वाले क्योंकि यह पूरा मामला और लिखा पढ़ी उनके खिलाफ है। जब एक बार मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। धाराएं लगायी जा चुकी है तो किसी को बचाने के नाम पर केस का आईओ अपनी गर्दन अदालत के हाथों में देने की गलती नहीं करेगा। दरअसल जानकारी मिली है कि कुछ लोग चाहते हैं कि केवल एक को बचा लिया जाए। ऐसा कहने और करने वालों को लगता है कि पुलिस की लिखा पढ़ी की शायद जानकारी उतनी नहीं जितनी की आईओ व कानून के जानकारों को होती है। इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि फर्जी चुनावों के सूत्राधार का नाम अभियुक्तों में शामिल किया जा सकता है।