ईसाइयों ने किया पूर्वजों का याद, मेरठ। शहर के ईसाई समाज ने कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों की याद में विशेष प्रार्थना कर परम पिता ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की कामना की। ऐसे लोग जिनका कोई अपना हाल ही में उन्हें छोड़कर चला गया है, वह कब्रिस्तान में उनकी कब्र पर लिपट कर देर तक रोते रहे। वहां गमजदा लोगों को दूसरों ने किसी तरह सहारा देकर चुप कराया।
बतातें चले कि हर साल दो नवंबर को ईसाई समाज इस दुनिया को छोड़कर ईश्वर के पास जा चुके अपने सगे संबंधियों के लिए विशेष प्रार्थना करता है। सोमवार को ईसाई समाज के लोगों ने कब्रिस्तान में जाकर अपने सगे संबंधियों की कब्र को साफ किया और उन्हें फूलों से सजाया। एक नवंबर से ही कब्रिस्तान में जाकर लोग सगे संबंधियों की कब्रों को सजाने संवारने में लग गए थे।
कब्रिस्तान में की जाती है मीसा
दो नंबवर को ईसाई समाज के लोग मुर्दों की ईद के रूप में मनाते हैं। इस दिन कब्रिस्तान के अंदर ही मीसा की जाती है। यहां बिशप ईसाई समाज को अपना उपदेश देते हैं। इस दौरान चर्च के फादर भी यहां मौजूद होते हैं। विशेष प्रार्थना के बाद फादर सभी कब्रों पर उनके परिजनों के साथ जाकर प्रार्थना संपन्न कराते हैं।
दो नंबवर को ईसाई समाज के लोग मुर्दों की ईद के रूप में मनाते हैं। इस दिन कब्रिस्तान के अंदर ही मीसा की जाती है। यहां बिशप ईसाई समाज को अपना उपदेश देते हैं। इस दौरान चर्च के फादर भी यहां मौजूद होते हैं। विशेष प्रार्थना के बाद फादर सभी कब्रों पर उनके परिजनों के साथ जाकर प्रार्थना संपन्न कराते हैं।
रात में मोमबत्ती जलाकर दी श्रद्धांजलि
शहर के कब्रिस्तान रात में उस वक्त जगमगा उठे जब ईसाई समाज के लोगों ने अपने सगे संबंधियों की कब्रों पर जाकर मोमबत्ती जलाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। मोमबत्ती जलाकर मृत सगे संबंधियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। कब्रिस्तान में प्रार्थना का यह दौर देर रात तक चला। इस दौरान गमजदा लोग कब्रों से लिपटकर फूट-फूट कर रोए।
शहर के कब्रिस्तान रात में उस वक्त जगमगा उठे जब ईसाई समाज के लोगों ने अपने सगे संबंधियों की कब्रों पर जाकर मोमबत्ती जलाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। मोमबत्ती जलाकर मृत सगे संबंधियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। कब्रिस्तान में प्रार्थना का यह दौर देर रात तक चला। इस दौरान गमजदा लोग कब्रों से लिपटकर फूट-फूट कर रोए।
ये है समाज में मान्यता
ईसाई समाज के लोगों का मानना है कि इस दिन उनसे बिछुड़ चुके सगे संबंधियों की रूह उनके आसपास ही रहती है। इस दिन कब्र पर जाने से उन्हें अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि उनके पूर्वजों से जाने अंजाने कोई गलती हुई है तो ईश्वर से उस गलती के लिए क्षमा करने की प्रार्थना करते हुए उनके पूर्वजों को स्वर्ग में ऊंचा स्थान देने की प्रार्थना जाती है।
ईसाई समाज के लोगों का मानना है कि इस दिन उनसे बिछुड़ चुके सगे संबंधियों की रूह उनके आसपास ही रहती है। इस दिन कब्र पर जाने से उन्हें अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि उनके पूर्वजों से जाने अंजाने कोई गलती हुई है तो ईश्वर से उस गलती के लिए क्षमा करने की प्रार्थना करते हुए उनके पूर्वजों को स्वर्ग में ऊंचा स्थान देने की प्रार्थना जाती है।