लैटर-अवैध निर्माणों में सीईओ व डीईओ की भूमिका की कराए जांच

लैटर-अवैध निर्माणों में सीईओ व डीईओ की भूमिका की कराए जांच
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सेवा में

 

श्रीमान

 

विषय: मेरठ छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माणों में सीईओ व डीईओ की भूमिका की जांच के संबंध में

 

महोदय,

मेरठ छावनी में अवैध निर्माणों की बाढ़ आ गयी है। मेरठ छावनी परिषद का बोर्ड भंग है। छावनी क्षेत्र में अवैध निर्माणों को लेकर पूरी तरह से सीईओ मेरठ छावनी परिषद तथा मेरठ के रक्षा संपदा अधिकारी की जिम्मेदारी बनती है। पूर्व में जब मेरठ छावनी परिषद के निर्वाचित सदस्यों का बोर्ड मौजूद था तब अवैध निर्माणों को लेकर निर्वाचित सदस्यों को आरोपित किया जाता था, लेकिन अब तो मेरठ छावनी परिषद का बोर्ड भंग है। इसलिए अवैध निर्माणों को लेकर मेरठ छावनी परिषद के सीईओ व रक्षा संपदा अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ने नहीं बच सकते। जिस प्रकार से अवैध निर्माणों की यहां बाढ़  आयी हुई है उससे सीईओ व डीईओ मेरठ छावनी की भूमिका संदिग्ध प्रतित होती है। मेरठ छावनी के माल रोउ पर रक्षा संपदा अधिकारी का कार्यालय है। माल रोड से सटे बीआई लाइन स्थित बंगला नंबर-45 में मेरठ छावनी के पूर्व सदस्य अनिल जैन ने बड़े स्तर पर अवैध निर्माण कराए हैं। उल्लेखनीय है कि बीआई लाइन स्थित बंगला-45 सेना की हायरिंग में है, उसके बावजूद इस बंगले में जिस प्रकार से पूर्व सदस्य अनिल जैन ने अवैध निर्माण कराए हैं और उन अवैध निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण सरीखी कार्रवाई के बजाए रक्षा संपदा अधिकारी के स्तर कार्रवाई के नाम पर केवल लीपापोती करना उनकी भूमिका पर संदेह करने को पर्याप्त है। बीआई लाइन-बंगला-45 को लेकर हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रक्षा संपदा अधिकारी कार्यालय एक नोटिस तक अनिल जैन को सर्व नहीं करा सका। मेरठ छावनी में अनिल जैन की छवि एक भूमाफिया की है। मेरठ छावनी क्षेत्र में जितने भी अवैध निर्माण हुए हैं उन सभी में मेरठ  छावनी के पूर्व सदस्य अनिल जैन की भूमिका संदिग्ध है। लेकिन उससे भी ज्यादा बड़ा सवाल बीआई लाइन-बंगला-45 में बड़े स्तर पर कराए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के बजाए रक्षा संपदा अधिकारी का कन्नी काट लेना है । इस बंगले के चारों ओर ऊंची दीवारें कराकर उन पर लोहे की मजबूत ग्रिल लगवा दी गयी हैं, जो सेना द्वारा किसी भी बंगलेक की बाउंड्री वाल के लिए हाइट को लेकर तय किए गए मानकों के विपरीत है।

मेरठ छावनी क्षेत्र में अवैध निर्मणों को लेकर मेरठ छावनी परिषद के सीईओ की भूमिका भी जांच भी मंत्रालय स्तर से करायी जाए। मेरठ छावनी के आबूलेन स्थित आवासीय बंगला-नंबर-182 में अवैध कामर्शियल कांप्लैक्स जय प्लाजा बना दिया गया है। जय प्लाजा में अवैध निर्माण को लेकर पूर्व की एक बोर्ड बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष/कमांडर राजीव कुमार ने जय प्लाजा में अवैध निर्माण पर कठोर कार्रवाई के निर्देश सीईओ मेरठ छावनी को दिए थे, लेकिन उसके बावजूद जय प्लाजा में भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल ने दुकानों का निर्माण कर लिया। निर्माण कर लिए जाने के बाद इन दुकानों पर शटर लगा दिए गए। रंगाई पुताई कर दी गयी ताकि दुकानों को पुराना साबित किया जा सके। भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल के इस कृत्य में सीईओ मेरठ छावनी कितने मददगार साबित हुए हैं इसकी भी जांच कराई जाए तो सत्यता सामने आ सकती है। मेरठ के आबूलेन स्थित बंगला-182 में अवैध निर्माण के अलावा जय प्रकाश अग्रवाल के अन्य अवैध निर्माणों में भी सीईओ व डीईओ सरीखे अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध रही है। मेरठ छावनी के वेस्ट एंड रोड बंगला 210-ए कैसल व्यू में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण कराकर जय प्रकाश अग्रवाल ने वहां फ्लैट बनाकर बेच डाले हैं। इस बंगले के एक हिस्से में धन शाकुंतलम नाम से अवैध रूप से कोठी का निर्माण किया गया है। इन सभी मामलों में सीईओ व डीईओ की भूमिका की जांच के अलावा अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने में क्यों देरी की गयी और इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी भी जांच करायी जाए ताकि भविष्य में मेरठ छावनी में अवैध निर्माणों पर प्रभावी अंकुश लगाया  जा सके।

आभार सहित श्रीमान जी के स्तर से उक्त मामलों की जांच कराकर कार्रवाई की प्रत्याशा में

 

भवदीय

शेखर शर्मा

पुत्र केके शर्मा

निवासी-जीएफ-19 अंसल कोर्ट यार्ड मोदीपुरम बाईपास मेरठ

 


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