मेरठ। बिजली के निजीकरण के खिलाफ चल रहा आंदोलन 316वें दिन में पहुंच गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के संयोजक आलोक त्रिपाठी ने बुधवार को बताया कि उड़ीसा के विद्युत नियामक आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए टाटा पावर की चारों विद्युत वितरण कंपनियों का लाइसेंस निरस्त करने के लिए 10 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख तय की है। नियामक आयोग ने टाटा पावर की चारों कंपनियों को जुलाई माह में उपभोक्ता सेवा में विफल रहने पर नोटिस जारी किया था। टाटा पावर का कोई संतोषजनक उत्तर न मिलने के बाद विद्युत नियामक आयोग जनसुनवाई कर रहा है। उड़ीसा के सभी उपभोक्ता फोरमों की ओर से श्री किशोर पटनायक ने 16 अगस्त को टाटा पावर की चारों विद्युत वितरण कंपनियों के विरुद्ध उपभोक्ता सेवा में पूरी तरह अक्षम रहने और उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने के आरोप लगाते हुए इन कंपनियों का विद्युत वितरण का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की थी।
2020 में चारों कंपनियों का लाइसेंस टाटा पावर को दिया गया और अब विद्युत नियामक आयोग ने बेहद खराब उपभोक्ता सेवा का स्वत: संज्ञान लेते हुए 15 जुलाई 2025 को टाटा पावर की चारों कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गुरूवार को वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिजार्पुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।
निजीकरण के खिलाफ आंदोलन का 316 वां दिन

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