भगवान विश्वकर्मा की शोभायात्रा

kabir Sharma
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मेरठ।मेरठ। विश्वकर्मा जन चेतना सभा के नेतृत्व में आदि शिल्पी भगवान् विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम से की गई। इस अवसर पर भव्य झांकियां निकाली गईं। शोभायात्रा खिर्वा रोड स्थित अतुल फार्म हाउस से निकाली गई जो स्थानीय बाजारों में भ्रमण करती हुई बेस्ट प्राइज माल पर जाकर सम्पन्न हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में विश्वकर्मा समाज के लोग उपस्थित थे। सभी ने सृष्टि रचयिता ब्रह्माजी के मानस पुत्र भगवान् विश्वकर्मा के सृष्टि की रचना में योगदान का वर्णन किया। साथ ही समाज की एकजुटता और शैक्षणिक उन्नयन का आह्वान किया।
संस्था के अध्यक्ष रामेश्वर दयाल विश्वकर्मा ने संबोधित करते हुए कहा देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा सृजन के अधिष्ठाता तथा समाज के गौरव और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार कन्या संक्रांति (आज) के दिन भगवान विश्वकर्मा ने संपूर्ण सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इस दिन को सृष्टि रचना दिवस के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की संततियों ने भेदभाव से परे सामाजिक समरसता की अवधारणा से श्रम के सिद्धांत का पालन करते हुए वंशानुगत कारीगरी व परंपरागत कला- कौशल से देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण और अग्रणी योगदान किया है। विश्वकर्मा पूजा का पर्व जन कल्याणकारी तथा सृजनात्मकता का प्रतीक है। समुचित संरक्षण के अभाव के चलते विश्वकर्मा वंशियों का अवशेष इतिहास विलुप्तप्राय हो गया है, जिसके चलते विश्वकर्मा वंशज अध्ययन- अध्यापन और प्राचीन इतिहास के ज्ञान से विमुख हो गए हैं। फलस्वरूप मौजूदा सामाजिक व्यवस्था में विश्वकर्मा वंशज साधारण श्रमजीवी कारीगर होकर रह गए हैं। भारतीय शिक्षा व्यवस्था की पाठ्य पुस्तकों में अनेक देवी-देवताओं, धर्म संस्थापकों, धर्माचार्यों और संत, महापुरुषों तथा राजनेताओं की जीवनी, कृतित्व एवं आदर्श चरित् पठन-पाठन में शामिल है, किंतु भगवान विश्वकर्मा के महत्व एवं जीवन- चरित् को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल न करके भगवान विश्वकर्मा के पौराणिक महत्व को मिटाने का षड्यंत्र किया गया‌। उन्होंने विश्वकर्मा पूजा पर्व के सार्वजनिक अवकाश तथा भगवान विश्वकर्मा के जीवन- चरित् को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर संघर्ष करने का संकल्प किया।
कार्यक्रम में विश्वकर्मा जन चेतना सभा के अध्यक्ष रामेश्वर द‌याल विश्वकर्मा, महासचिव अमित विश्वकर्मा, कोषाध्यक्ष सहंसरपाल विश्वकर्मा, यशपाल सिंह जांगिड़, ओमप्रकाश विश्वकर्मा दौराला, सुरेन्द्र विश्वकर्मा, सतीश विश्वकर्मा, सतेन्द्र जांगिड़ एडवोकेट, पंकज विश्वकर्मा, राजीव, रविदत्त प्रधान, रमेश चन्द्र विश्वकर्मा, धर्मपाल, जयपाल प्रधान डाबका, मांगेराम, तेजपाल, मनोज प्रधान, संरक्षक चंद्रभान विश्वकर्मा, अमित बड़ौत, जयप्रकाश भूनी, अशोक काकेपुर विश्वकर्मा समाज के लोग उपस्थित रहे।

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