मुख्य अधीक्षक की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन

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मुख्य अधीक्षक की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन,  प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर ईश्वर देवी बन्ना से बात की, उन्होंने बताया कि जो भी मरीजों को दिक्कत हुई थी, वो आध घंटे में ठीक हो गई थी। बाकी ऐसा क्यों हुआ, ये जांच का विषय है।

जिला अस्पताल में मरीजों की हालत बिगड़ने का मामला सामने आया है। अचानक आक्सीजन लेवल कम होने से मरीजों की सांसें फूलने लगीं। तीमारदारों ने मरीजों की बिगड़ती हालत देख कर हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि थोड़ी देर पहले ही डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया था। उसके बाद से ही मरीज को परेशानी होने लगी।

इसके बाद मरीजों के घरवालों ने आनन-फानन में 112 पर कॉल कर पुलिस बुला ली। पुलिस के पहुंचने पर डॉक्टर भी अस्पताल पहुंचे। इसके बाद सभी मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया। जिसके बाद लोगों की हालत में सुधार हुआ। मामला पीएल शर्मा जिला अस्पताल में शुक्रवार रात 1.20 बजे का है।

घरवाले बोले- रात 8 बजे मरीजों को इंजेक्शन दिया गया था
मरीजों के तीमारदारों ने बताया, “टीबी वार्ड में रात 8 बजे के आस-पास मरीजों को कोई इंजेक्शन दिया गया था। रात 1.20 बजे के बीच मरीजों की सांसें फूलने लगी। धीरे-धीरे सभी मरीजों को ऐसा होने लगा तो वार्ड में दहशत फैल गई। जो इंजेक्शन लगाया गया उसमें कुछ कमी या गड़बड़ी थी। इसी वजह से इंजेक्शन की दवा का रिएक्शन हुआ है।”

इमरजेंसी में 3 मरीज अभी भी भर्ती
इमरजेंसी वार्ड में नाइट शिफ्ट में ड्यूटी देने वाली स्टाफ नर्स ने बताया कि टीबी मरीजों को कोई नया इंजेक्शन दिया गया था। शायद उसके कारण ऐसा हुआ है। लेकिन सभी मरीजों की हालत पर काबू पाया जा चुका है। सब ठीक हैं। वार्ड में फिलहाल 3 मरीज भर्ती हैं। वह भी कंट्रोल में है।

DM बोले- कमेटी बनाकर मामले की जांच कराएंगेडीएम दीपक मीना ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। अचानक कुछ मरीजों की देर रात हालत खराब हो गई। ऐसा क्यों हुआ। इसके लिए एक जांच कमेटी बना दी गई है। जांच के बाद सारी बात सामने आ जाएगी।


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