प्रमुख सचिव ने दिए थे सभी ट्रांसफार्मरों को जाली से कर्वड करने के आदेश, घनी आबादी वाले टीपीनगर इलाके में कभी भी हो सकता है कोई बड़ा हादसा, सड़क किनारे रखे खुले ट्रांसफार्मरों से झांक रही मौत
मेरठ/ टीपीनगर के घनी अबादी वाले इलाके में सड़क किनारें खुले रखे ट्रांसफार्मरों में मौत झांक रही है। एक तो बेहद भीड़ वाला इलाका दूसरे समीप ही बच्चों के पब्लिक स्कूल। इसको लेकर कई बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं, लेकिन उसके बाद भी पीवीवीएनएल अफसरों को लगता है कि किसी जानलेवा हादसे का इंतजार है। जिस बुरी दशा में ये ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं, उससे इनके आसपास से गुजरने वालों को ही नहीं बल्कि यहां खराबी ठीक करने के लिए आने वाले बिजलीघर के स्टाफ को भी गंभीर खतरा है। इसकी चारों ओर की जालियां पूरी तरह से गल कर टूुट गयी हैं। ट्रांसफार्मर में जा रहे अंडरग्राउंड वायरों की दशा देखकर ही कोई भी शख्स डर जाए। साक्षात यमदूत नजर आ रहा जहां यह खुला हुआ ट्रांसफार्मर रखा हुआ है, उसके आसपास दुकानें हैं। लोगों ने बताया कि इससे अक्सर चिंगारियां उठाती हैं। बारिश के मौसम में यह बेहद खतरनाक नजर आता है। कई आवारा पशु इसकी चपेट में आ चुके हैं। बागपत रोड पर मिलेनियन पब्लिक स्कूल के ठीक सामने रखा हुआ ट्रांसफार्मर तो देखकर लगता है कि यह ट्रांसफार्मर नहीं बल्कि नगर निगम का खत्ता है। ट्रांसफार्मर से सटाकर खत्ता डाला जा रहा है। जालियां टूटने के करण जो कूडा कचरा यहां डाला जा रहा है वो ट्रांसफार्मर के भीतर भी पहुंच रहा है। नगर निगम का जो स्टाफ यहां से कचरा उठाने आता है, उसके लिए भी यहां काम करना मौत का न्यौता देने सरीखा है। सबसे बड़ा खतरा तो ठीक सामने स्थित स्कूली बच्चों का है। स्कूल छूटने के वक्त तमाम बच्चे इसके पास से होकर ही जाते हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हादसा होना तय है।
दूसरा ट्रांसफार्मर मलियाना फ्लाई ओवर और टीपीनगर के बीच वाले रास्ते पर रखा हुआ है। इसकी भी चारों ओर की जालियां पूरी तरह से गल चुकी हैं। ट्रांसफार्मर सड़क की ओर झांक रहा है। जिस प्लेटफार्म पर इसको रखा गया है, वह भी नीचे की ओर बैठ गया है। ट्रांसफार्मर के भीतर जंगली हरी बेल और दूसरे पौधे उग आए हैं। लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में यहां इन जंगली बेलों की वजह से अर्थिंग का खतरा बना रहता है। उनका कहना है कि शिकायत किए जाने के बाद भी इसको ठीक नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में नगरीय चीफ मनीष चौपड़ा को जब बताया गया तो उन्होंने इसको ठीक कराने की बात कही।