सात हजार बेकसूर मारे अब तक, रूस और यूक्रेन युद्ध में अभी तक करीब 7000 से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं. इसके अलावा करीब 80 लाख लोग अपने घर से बेघर हो गए हैं. गौरतलब है की 24 फरवरी, 2022 यानी हमले के दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे यूक्रेन को विसैन्यीकरण और बदनाम करने के लिए एक अभियान करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो को यूक्रेन में पैर जमाने से रोकना था.
पिछले साल 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन में जंग शुरू हुई थी लेकिन आज यानी जंग के एक साल पूरा होने के बावजूद लड़ाई जारी है. भले भी इस जंग के नतीजे अभी न निकले हों लेकिन हजारों जिंदगियां जरूर तबाह हो गई हैं. संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष एंटोनियो गुटेरेस ने रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति की संभावनाओं के बारे में एक गंभीर भविष्यवाणी की है. उन्होंने 6 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में कहा दोनों देशों के बीच शांति में लगातार गिरावट देखी जा रही है और आगे हिंसा में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. हालांकि युद्ध के नतीजे अभी तक भले न निकलें हों लेकिन इन 12 महीनों में काफी कुछ बदल गया है.
जेलेंस्की पर बढ़ा लोगों का भरोसा
युद्ध की जब शुरुआत हुई तब अधिकतर लोग जेलेंस्की के नेतृत्व करने की क्षमता को लेकर डाउट में थे लेकिन एक साल बाद भी नाटो देशों की मदद से उन्होंने रूस को कड़ी टक्कर दी है, जिसके बाद से लोगों का भरोसा उनके ऊपर बढ़ा है. गौरतलब है कि युद्ध की जब शुरुआत हुई थी तब सभी को यह अनुमान था कि रूस आसानी से जंग जीत जाएगा लेकिन नतीजों को देखकर लगता है कि रूस को भी इससे काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
युद्ध का परिणाम अभी भी अनिश्चित
पिछले साल 24 फरवरी को जब रूस ने युक्रेन के ऊपर हमला किया तब दुनिया भी यह मानती थी बैकफूट पर यूक्रेन की सरकार ही है क्योंकि रूस एक महाशक्ति है और यूक्रेन मात्र के छोटा सा देश. शुरूआती दिनों में रूस ने ताबड़तोड़ हमला करते हुए यूक्रेन के कई हिस्सों पर कब्जा जमा लियालेकिन कुछ ही दिनों बाद रूस द्वारा कब्जा किए गए 54 फीसदी क्षेत्र को फिर से हासिल करने में यूक्रेन कामयाब रहा है. वहीं, लगातार रूसी हमलों और बार-बार हत्या के प्रयासों के बाद भी जेलेंस्की के जोश में कोई कमी नहीं आई. इससे अंदाजा यही लगाया जा सकता है कि युद्ध के परिणाम और जेलेंस्की का अस्तित्व दोनों ही निश्चित नहीं हैं.