
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकुमार तन्हा, मुख्य वक्ता हरीश जी, विवेक रस्तौगी रहे मुख्य अतिथि, बड़ी संख्या में मौजूद रहे बच्चे
मेरठ। सेवाभारती मेरठ महानगर (पूर्व एवं पश्चिम) के तत्वावधान में भगवान वाल्मीकि प्राकट्य उत्सव का भव्य आयोजन विद्यार्थी परिषद सभागार, सूरजकुंड रोड में किया गया। इसमें शहर के समाजसेवी, शिक्षाविद्, छात्र-छात्राएँ और अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य राजकुमार तन्हा ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में विवेक रस्तोगी, अध्यक्ष, भाग—पश्चिम मेरठ महानगर और मुख्य वक्ता हरीश जी, क्षेत्र सह–संपर्क प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता हरीश जी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने समाज को समानता, कर्मशीलता और आत्मबल का जो संदेश दिया, वही आज के युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जी ने हमें सिखाया कि शिक्षा और संस्कार से हर व्यक्ति अपने भाग्य को स्वयं लिख सकता है। मुख्य अतिथि विवेक रस्तोगी ने कहा कि समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए वाल्मीकि जी की शिक्षाएँ मार्गदर्शक हैं। उन्होंने सेवाभारती द्वारा चलाई जा रही शिक्षा और सेवा की योजनाओं की सराहना की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विनीत भारती (विभाग सह–संचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने कहा कि समाज की एकता ही राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है। वहीं डॉ. ज्ञानेश्वर टांक (एम०एस० (ऑर्थो), उप प्राचार्य, लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज) ने युवाओं से आह्वान किया कि वे महर्षि वाल्मीकि के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने कर्मों से समाज का मार्ग प्रकाशित करें।
विकास सौदाई (कमिश्नर–प्रॉविडेंट फंड) ने कहा कि समाज में समरसता और शिक्षा के प्रसार से ही वास्तविक प्रगति संभव है।
अतुल जैन (जैना ज्वेलर्स, आगूवाले) ने कहा कि सेवाभारती समाज में सेवा की जो धारा प्रवाहित कर रही है, वह वाल्मीकि जी के आदर्शों का प्रत्यक्ष रूप है।
विशेष सान्निध्य में उपस्थित जितेन्द्र (प्रांत संगठन मंत्री, सेवाभारती मेरठ प्रांत) ने कहा कि सेवा भारती के कार्य समाज में नई चेतना का संचार कर रहे हैं और वाल्मीकि जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। कार्यक्रम में सेवाभारती मेरठ महानगर द्वारा संचालित 80 से अधिक सेवा और शिक्षा केन्द्रों के बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने भजन, नृत्य, कविता पाठ, नाटक और देशभक्ति गीतों के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि के जीवन और आदर्शों को प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।
सेवा ही धर्म
कार्यक्रम का समापन “सेवा ही धर्म है, और समानता ही समाज की आत्मा है” के उद्घोष के साथ हुआ। उपस्थित जनों ने संकल्प लिया कि महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों को जीवन में अपनाकर समाज में समरसता, शिक्षा और संस्कार की ज्योति जलाएंगे।
इस अवसर पर सेवा भारती के विपुल सिंहल, जनार्दन शर्मा, गौरव गोयल (अध्यक्ष), कपिल गर्ग एवं नीरज मित्तल (मंत्री) सहित आयोजन समिति के सदस्य गौरव दत्ता, सौरभ अग्रवाल, विपुल सिंघल, पुनीत लोहिया, नरेश खत्री, डॉ. मनोज गुप्ता, राजेश सक्सेना, हरीश पाराशर, नवीन अग्रवाल, शोभा अग्रवाल, मीना जाजोदिया, मोहित अग्रवाल, रितेश भारती, डॉ. संवल कुमार, सोनिया अग्रवाल, अर्पण कुमार, अमन कुमार, अर्पण रस्तोगी, मोहन सिंह, नैन सिंह, राघव वाल्मीकि, सुरेन्द्रपाल तिवारी, तुशार जैन सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।