चुनाव जीतने को किसी भी हद तक है जा रहे, राजनीतिक दल निजी हमलों पर उतारू, बिहार में मुसलमान एक बड़ा फैक्टर
नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा के चुनाव में महाभारत सरीखा मंजूर नजर आ रहा है। चुनाव महासमर को जीतने के लिए कुछ भी करने और किसी भी हद तक जाने पर प्रत्याशी अमादा हैं। यहां तक कि पहले चरण के चुनाव में अब प्रत्याशी व्यक्तिगत हमलों पर उतर आए हैं। हालांकि जहां तक मतदाता का सवाल है तो वह सब समझ रहा है। आम मतदाता का कहना है कि जो कुछ चल रहा है वह केवल चुनाव तक ही सीमित है। चुनाव के बाद ये नेता एक ही महफिल में हाथा में गिलास थामें और गले में बांधे डाले नजर आएंगे। इस चुनाव में इंडिया गठबंधन अधिक हमलावर नजर आता है। दरअसल इंडिया गठबंधन यानि तेजस्वी यादव का प्रयास है कि वोट अधिकार यात्रा से बिहार के मतदाता के बीच जो बढ़त बना ली गयी है उसको चुनाव प्रचार में भी बरकरार रखा जाए।
मुसलमान बड़ा फैक्टर
बिहार चुनाव में मुसलमान एक बड़े फैक्टर के रूप में उभर कर आ रहा है। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि बिहार का मुसलमान इस चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ है। यह बात नितिश कुमार और एनडीए गठबंधन के चिराग पासवान सरीखों को बहुत साल रही है। सूत्रों की मानें तो इन दलों के नेताओं ने भाजपा के जो स्टार प्रचार हिन्दुत्व का चेहरा है उनको अपने प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार से दूर रखने का फेसला किया है। नितिश कुमार और तेजस्वी सरीखे नहीं चाहते कि चुनाव प्रचार में मुसलमान वोट पर किसी प्रकार का बुरा असर पड़े। यह बात भाजपा के रणनीतिकारों को भी समझा दी गयी है, शायद इसी वजह से बिहार का चुनाव यूपी के चुनाव की मानिंद हिन्दू मुसलमान पर नहीं हो रहा है। लेकिन यह भी सही है कि भाजपा के रणनीतिकार इसको नुकसान का सौदा मान कर चल रहे हैं।
नेताओं के कैसे कैसे बयान
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उनके पास 56 इंच की जीभ है, हमारे पास 56 इंच का सीना है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और तारापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार सम्राट चौधरी ने कहा कि एक तरफ बोलने वाले(RJD) लोग हैं और दूसरी ओर करने वाले(एनडीए) लोग हैं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “वे (एनडीए) हार से डरे हुए हैं, वे हम पर सवाल उठाने वाले कौन होते हैं? हमने अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। उनमें यह कहने की हिम्मत नहीं है कि उनके मुख्यमंत्री उम्मीदवार नीतीश कुमार होंगे। उनका एजेंडा क्या है? इस समय राज्य में पूरी तरह से जंगलराज चल रहा है।
बिहार: कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमें यहां बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। भाजपा का एजेंडा बिल्कुल साफ है। एक तरफ उन्होंने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम घोषित न करने पर हम पर हमला किया, लेकिन अब जब हमने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है, तो हम अपना घोषणापत्र भी जारी करने जा रहे हैं। हमारे पास स्पष्टता है, लेकिन भाजपा का क्या? बिहार चुनाव में भाजपा का एक छिपा हुआ एजेंडा है।
भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उनकी(आरजेडी) हताशा है। उन्होंने पहले कहा कि हम सभी को घरों में सरकारी नौकरी दे देंगे।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पंचायत और ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने ऐलान किया कि यदि महागठबंधन की सरकार बिहार में सत्ता में आती है, तो त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों का मानदेय दोगुना किया जाएगा।
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दल जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने पार्टी विरोधी गतिविधियां करने और ‘‘इसकी विचारधारा की अवहेलना’’ के आरोप में पूर्व मंत्री सहित 11 नेताओं को निष्कासित कर दिया है।