डोर टू डोर कलेक्शन के बाद भी घरों का कचरा पार्क में डंप, डेयरी का कब्जा हटवा कर बनाया था पार्क, कैंट के पार्क खत्ते में तब्दील
मेरठ/ कैंट इलाके के पार्क जिन्हें सजने संवारने पर भारी भरकम खर्चा किया गया, वो सभी खत्ते में तब्दील हो रहे हैं। यह हाल तब है जब कैंट बोर्ड प्रशासन की ओर से डोर टू डोर कूड़ा कचरा कलेक्शन का इंतजाम किया हुआ है, उसके बाद भी घरों व दुकानों का कचरा आसपास के पार्कों में डंप किया जा रहा है, जिसके चलते कई पार्क खत्ते में तब्दील कर दिए गए हैं।
डेयरी हटाकर बनाए हैं पार्क
कैंट के कई इलाकों में बोर्ड अफसरों ने आबादी के बीच संचालित की जा रही डेयरियों को हटाकर वहां जो सरकारी जमीन मुक्त करायी गयी थी वहां पार्क बना दिए गए थे। तमाम इलाकों में कैंट बोर्ड ने इस प्रकार की कवायद की थी, लेकिन आसपास रहने वाले ही इन पार्कों को खत्ते में तब्दील करने पर उतारू हैं। जिसके चलते अब इन पार्कों में जो लोग इननिंग व मार्निंग वॉक कर लिया करते थे उन्होंने दूरी बना ली है। सबसे ज्यादा दुश्वारी तो उन मासूम बच्चों के साथ हुई है जिनके लिए ये पार्क खेलने का इकलौता ठिकाना थे। आसपास के लोगों द्वारा कूडा कचरा डंप कर पार्क को खत्ते में बदल दिए जाने की वजह से बच्चों ने भी इससे दूरी बना ली है।
रजबन का पार्क
कोर्ट के आदेश पर जब पूरे कैंट में डेयरियों को हटाकर सरकारी जमीन कब्जा मुक्त कराए जाने का अभियान चलाया जा रहा था, उसी दौरान रजबन स्थित डेयरियों भी हटवा दिया गया था। रजबन मेनरोड पर चल रही डेयरी को हटाकर जो सरकारी जमीन कब्जा मुक्त करायी गयी थी, कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन ने वहां सुंदर पार्क बना दिया था। बच्चों के लिए झूले तथा लोगों को दो घड़ी आराम से बैठने के लिए भी पार्क में इंतजाम किए गए थे। इस पर एक बड़ी रकम कैंट बोर्ड अफसरों ने खर्च की थी। पार्क के बन जाने का स्वागत सभी ने किया था। काफी वक्त तक यह पार्क सही सलामत रहा, लेकिन जिनके लिए कैंट अफसरों ने यह पार्क बनाया था उन्हीं लोगों ने इसको खत्ते में तब्दील कर दिया है। कुछ लोगों ने बताया कि ऐसा करने के पीछे वो तत्व हैं जो दोबारा से इस जगह पर कब्जा करना चाहते हैं। उनके इशारे पर ही पार्क को खत्ते में तब्दील किया जा रहा है। लोगों ने यह भी बताया कि जिनके इशारे पर ऐसा किया जा रहा है वो दबंग प्रवृत्ति के हैं, लेकिन अब इसको लेकर शीघ्र ही सीईओ कैंट से मिला जाएगा ताकि पार्क में खत्ता बनाने वालों पर सख्ती करायी जा सके।