पोर्टल अपडेट ना होने की वजह से अटका है गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन, दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो साल के लिए बढ़ाई गई है छूट, सरकार की राहत बनी मुसीबत पोर्टल अपडेट नहीं करना भूले अफसर, शहर में पुलिस कर रही है दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की चैकिंग व चालन
New Delhi/मेरठ। पर्यावरण संतुलन के नाम पर दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढावा देने के लिए दो साल के लिए बढ़ाई गयी छूट मुसीबत बन गयी है। सरकार की ओर से घोषणा के बाद गजब भी जारी कर दिया गया, लेकिन लखनऊ में बैठे अफसर पोर्टल को अपडेट करना भूल गए। जिसकी वजह से डीलर ही नहीं जिन्होंने 14 अक्तूबर से दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे हैं वो भी परेशान हैं।
13 अक्टूबर 2025 से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट दी थी, लेकिन 14 अक्टूबर को राज्य सरकार का आदेश आया कि उत्तर प्रदेश से बाहर निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर 10% रोड टैक्स लगेगा। इस आदेश का असर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर देखा गया। इस बीच बीते 1717 अक्टूबर को राज्य सरकार ने एक ओर आदेश जारी कर उत्तर प्रदेश के बाहर निर्मित वाहनों पर भी अगले दो सालों के लिए रोड टैक्स पूर्णता माफ कर दिया, लेकिन इसके बाद भी मुसीबत कम नहीं हुई। हुआ यह कि सरकार ने तो आदेश जारी कर दिया, लेकिन लखनऊ में बैठे जिन अफसरों को सरकारी आदेश के सापेक्ष पोर्टल को अपडेट करना था, वो अपनी ड्यूटी करना भूले बैठे हैं।
अफसरों की कारगुजारी पड़ रही भारी
अफसरों की यह लापरवाही और कारगुजारी लोगों व डीलरों पर भारी पड़ रही है। पीएल शर्मा रोड स्थित बंसल आटोमोबाइल के मालिक अंकुर बंसल ने बताया कि वाहन पोर्टल अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 10% की दर से रोड टैक्स उठा रहा है, जिससे डीलर्स वाहनों के पंजीयन कराने में विफल हो रहे हैं और ग्राहकों का शोरूम में आकर हंगामा और खराब माहौल पैदा हो रहा है। वहीं दूसरी ओर जो लोग इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन चला रहे हैं उनका कहना है कि पोर्टल अपडेट ना होने की वजह से पुलिस वाले भी उनको रोक लेते हैं। चैकिंग में दस सवाल करते हैं, इसलिए यह भ्रम की स्थिति दूर होनी चाहिए।