निजीकरण के विरोध में गरजे

kabir Sharma
3 Min Read
WhatsApp Channel Join Now

विक्टोरिया पार्क पर प्रदर्शन, लाखों कर्मचारी हुए शामिल, अफसरों पर बदले की कार्रवाई का आरोप

New Delhi/ मेरठ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन का एक साल पूरा होने पर गुरूवार को विक्टोरिया पार्क मुख्यालय समेत देश भर में लाखों बिजली कर्मियों ने सड़कों पर उतर कर निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 का जोरदार विरोध किया। संघर्ष समिति के आलोक त्रिपाठी ने बताया कि अन्य प्रांतों की राजधानियों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन कर उप्र में चल रहे बिजली के निजीकरण को निरस्त करने की मांग की। उनकी मांग है कि सेक्टर का निजीकरण हेतु लाए गए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 को तत्काल वापस लिया जाय।

बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय आगरा में तथा राजधानी लखनऊ में विशेष तौर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया। समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने और आगरा में विद्युत अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने आंदोलन का नेतृत्व किया। राजधानी लखनऊ में मध्यांचल मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया।

गलत आंकडे पेश करने के आरोप

उन्होंने अफसरों पर गलत आंकडे पेश करने के आरोप लगाए और कहा कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम प्रबंधन द्वारा एक वर्ष पूर्व घाटे के गलत आंकड़ों के आधार पर लिया गया था। संघर्ष समिति प्रारंभ से ही यह दावा करती रही है की सब्सिडी और सरकारी विभागों के सरकारी बकाया की धनराशि दे दी जाए तो विद्युत वितरण निगम घाटे में नहीं है। विद्युत नियामक आयोग ने संघर्ष समिति के इस दावे पर यह कहकर मोहर लगा दी है कि 1 अप्रैल 2025 को विद्युत वितरण निगमों के पास 18925 करोड रुपए सरप्लस था। इसी आधार पर बिजली के टैरिफ में वृद्धि नहीं की गई है।
संघर्ष समिति ने कहा कि घाटे के झूठे आंकड़े देने के अलावा पावर कापोर्रेशन प्रबंधन निजीकरण के लिए बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां कर रहा है। हजारों बिजली कर्मियों का वेतन रोक कर रखा गया। बड़े पैमाने पर महिलाएं तवादला इसलिए किया गया क्योंकि वे संघर्ष समिति की मीटिंग में आ रही थी। आलोक त्रिपाठी ने कहा कि संघर्ष समिति ने बताया की बिजली कर्मियों की रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने की दृष्टि से जबरदस्ती बिजली कर्मियों और पेंशनरों के घरों पर प्रीपेड मीटर लगाया जा रहे हैं।

- Advertisement -
WhatsApp Channel Join Now
TAGGED:
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *