
मंडलायुक्त ने दिए जांच के आदेश,एसडीएम सदर व अपर नगरायुक्त जांच टीम में, हाईकोर्ट में दायर की गई पीआईएल
मेरठ। ब्रह्मपुरी स्थित एक पुराने जोहड़ पर रसूखदारों ने ना केवल अवैध रूप से कब्जा किया, बल्कि उस पर स्कूल, कोठी व दूसरे अवैध निर्माण कर लिए। मामले की शिकायत पर मंडलायुक्त ने दो अफसरों की हाईलेबल कमेटी बना दी। इस कमेटी में एसडीएम सदर दीक्षा जोशी व अपर नगरायुक्त लवि त्रिपाठी को शामिल किया गया है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि जांच कमेटी ने अभी तक कोई रिपोर्ट आयुक्त कार्यालय को नहीं भेजी है। इस मामले पिछले दिनों अपर मंडलायुक्त ने जांच कमेटी के अफसरों को रिमांडर भी भेजा है। इसके अलावा मामले को लेकर हाईकार्रट में एक जनहित याचिका भी दायर कर दी गयी है। इस पीआईएल पर 6 जनवरी सुनपवाई की तारीख नियत की गई है।
यह है पूरा मामला
नगर निगम वार्ड 39 शारदा रोड पंजाया क्षेत्र जहां भाजपा से पार्षद राजीव गुप्ता काले हैं, यहां खसरा संख्या 1079 जो कभी बच्चा कब्रिस्तान व जोहड़ हुआ करता था, वहां रसूखदरों ने पूर्व में नगर निगम के कुछ अफसरों की मदद से अवैध कब्जे शुरू कर दिए और देखते ही देखते बच्चा कब्रिस्तान व जोहड़ की पूरी जमीन अवैध रूप से ना केवल कब्जा कर ली गयी, बल्कि वहां आललीशान इमरतें खड़ी कर दी गईं। कोठी नुमा आवास, स्कूल, दुकानें तामीर कर दी गयीं। इन सभी चीजों की जानकारी शिकायत के रूप में मंडलायुक्त से की गयी। इसको लेकर भाजपा पार्षद राजीव गुप्ता काले पर गंभीर आरोप हैं। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने वांछित माफिया बदन सिंह बद्दो की संपत्ति क्रमय कर वहां बड़ा कामर्शियल कांप्लैक्स बना लिया था। जिसको साल 2023/24 में उक्त अवैध निर्माणों को शासन के आदेश पर स्थानीय प्रशासन के अफसरों ने ध्वस्त कर दिया था।
हाउस टैक्स घोटाला
कब्रिस्तान व जोहड़ की भूमि पर अवैध कब्जे करने वालों ने इसके अलावा भी एक बड़ा खेल किया। मंडलायुक्त से की गई शिकायत में उसका भी खुलासा हो गया। नियमानुसार जितना हाउस टैक्स अवैध भवनों पर लगाया जाना चाहिए, उतना हाउस टैक्स नहीं लगा है। निगम के टैक्स विभाग के अफसरों से सांठ गांठ कर मामूली हाउस टैक्स लगा है। इस मामले में यदि कार्रवाई होती है तो निगम के वो अफसर भी फंसेंगे जिन्होंने कब्रिस्तान व जोहड़ पर अवेध कब्जे कर बनाए गए भवनों पर हाउस टैक्स लगा दिए हैं।
एक सप्ताह में होनी थी जांच एक माह बीता
मंडलायुक्त के निर्देश पर इस मामले में अपर आयुक्त अमित कुमार सिंह ने 6 अक्टूबर को जांच कमेटी बना दी थी। जांच कमेटी में एसडीएम सदर दीक्षा जोशी व अपर नगरायुक्त को शामिल कर एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा था। लेकिन एक माह बाद भी जांच रिपोर्ट जब नहीं मिली तो अपर आयुक्त ने 18 नवंबर को एक रिमाइंडर एसडीएम सदर व अपर नगरायुक्त को भेजा है।