विपक्ष ने किया पुरजोर विरोध, सरकार बोली राजनीतिक है विरोध, क्लाइमेट गोल्स के लिए गेम-चेंजर साबित होने का दावा
नई दिल्ली। सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) बिल 2025 का राज्यसभा में गुरुवार देर रात इसे ध्वनिमत से पास कर दिया, जबकि लोकसभा पहले ही इसे मंजूरी दे चुकी थी। यह बिल भारत की न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में निजी निवेश और विदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देगा, साथ ही फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करेगा।
यह हासिल होगा इस बिल से
2047 तक 100 गीगावाट न्यूक्लियर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य। निजी कंपनियों को परमाणु रिएक्टर बनाने की अनुमति, लेकिन सख्त सुरक्षा नियमों के साथ। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे “खतरनाक” बताया, कहते हुए कि यह सुरक्षा और दायित्व नियमों को कमजोर करता है। राहुल गांधी ने कहा कि यह “मनरेगा की तरह पुरानी योजनाओं को खत्म करने की साजिश” का हिस्सा है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह क्लीन एनर्जी और आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी है। भारत की न्यूक्लियर क्षमता अभी 7-8 गीगावाट है, इसे तेजी से बढ़ाने की योजना। बिल से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) और विदेशी सहयोग (जैसे अमेरिका, फ्रांस) आसान होगा।
यह बिल भारत की एनर्जी सिक्योरिटी और क्लाइमेट गोल्स के लिए गेम-चेंजर माना जा रहा है।