मानचित्र के विपरीत कार्य, नाले के बहते पानी को रोकने के बजाए पानी में ही डाला जा रहा मसाला, अवैध कब्जे हटाने के बजाए नाली ही कर दी तिरछी, अफसरों को नहीं मौके जााने की फुर्सत
मेरठ। शहर के गढ़ रोड गांधी आश्रम चौराहे से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक बन रही सीएम ग्रीड योजना में किस प्रकार और केसा कार्य ठेकेदार करा रहा है, लगता है यह देखने की फुर्सत अफसरों को नहीं है। जो योजना सीएम के नाम से ही शुरू हुई हो उसको लेकर यदि सवाल उठाए जा रहे हैं तो वाकई गंभीर बात है। योजना सीएम के पद नाम से जुड़ी है, इसके चलते मेरठी उम्मीद कर रहे थे कि काम शानदार होगा, लेकिन जिस तरह के वीडियाे सोशल मीडिया पर आए दिन वायरल हो रहे हैं, उनका संज्ञान लेकर कार्यदायी संस्था के खिलाफ कठोर कार्रवाई के बजाए इस काम से जुड़े अफसरों के रवैये को देखते हुए लगता है कि वो अभी मसरूफ हैं, सीएम ग्रीड योजना के तहत बनायी जा रही इस सउ़क के काम को देखने की उन्हें फुर्सत नहीं है। इस योजना पर काम कर रही कार्यदायी संस्था शुरू से ही आरोपां के घेरे में रही है। सीएम ग्रीड योजना को लेकर आरटीआई एक्टिवस्ट संदीप पहल भी सवाल उठा चुके हैं। महानगर भाजपा के प्रवक्ता अमित शर्मा भी आयुक्त कार्यालय में शिकायत कर चुके हैं। ताजा मामला शहर के बड़े व्यापारी नेता विपुल सिंहल के स्तर से सामने आया है जो वाकई बेहद गंभीर है।
ऐसे कितने दिन टिक पाएगी
अब ताजा आरोप एक वीडियाे जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसको लेकर लगाए जा रहे हैं। यह वीडियो शहर के बड़े व्यापारी नेता विपुल सिंहल ने वायरल किया है। इस वीडियाे में वह बता रहे हैं कि रोड साइड पर जो बेस तैयार किया जा रहा है, उसको तैयार करने से पहले वहां बह रहे पानी को नहीं रोका गया है। नाली के बहते हुए पानी मे ही रोडी सीमेंट डंप किया जा रहा है। होना यह चाहिए था कि पहले पानी का बहाव रोका जाता, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। विपुल सिंह का कहना है कि ऐसे कितने दिन यह सड़क टिक पाएगी।
अतिक्रमण हटाने के बजाए नाली तिरक्षी
सीएम ग्रीड़ योजना का कार्य गढ़ रोड से चल रहा है। शाेहराबगेट बस स्टैंड के सामने एक कालोनी के बाहर कुछ दुकानदाराें ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है। होना चाह चाहिए था कि अवैध कब्जा हटाकर नाली सीधी बनायी जाती ताकि पानी का बहाव प्रभावित नहीं हाता। इस मामले की शिकायत महानगर भाजपा के प्रवक्ता अमित शर्मा व अन्य ने मंडलायुक्त कार्यालय में की थी, लेकिन ठेकेदार के खिलाफ इस मामले में भी कुछ नहीं हुआ। अंतोगत्वा नाली तिरछी कर दी गयी। अवेध कब्जे वालों से कथित रूप से लेनदेन कर लिया गया।
कार्यदायी संस्था व योजना को लेकर तमाम सवाल
सीएम ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (सीएम ग्रिड योजना) के तहत गांधी आश्रम से तेजगढ़ी चौराहे तक चल रहे सड़क चौड़ीकरण का काम (लागत करीब 47 करोड़ रुपये) अब विवादों में घिर गया है। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों का आरोप है कि योजना में अनियमितताएं हैं, जिससे उनकी दुकानें और संपत्तियां प्रभावित हो सकती हैं।
विवाद की मुख्य वजह
- महायोजना 2031 में इस सड़क को 45 मीटर चौड़ा दिखाया गया है, जबकि निर्माण कार्य 36 मीटर पर ही चल रहा है। इस 9 मीटर के अंतर को लेकर व्यापारी नाराज हैं।
- मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) पर आरोप है कि बिना साइट सर्वे के महायोजना में गलत चौड़ाई दर्ज की गई, जिससे भविष्य में दुकानें तोड़ने की आशंका है।
- व्यापारियों का कहना है कि अगर महायोजना के अनुसार काम हुआ तो उनकी संपत्तियां क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जबकि वर्तमान निर्माण लोक निर्माण विभाग के मानचित्र (36 मीटर) के आधार पर हो रहा है।
सफाई में यह बोले अधिकारी
नगर आयुक्त और मुख्य अभियंता ने स्पष्ट किया है कि निर्माण लोक निर्माण विभाग के मानचित्र के अनुसार हो रहा है और गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। योजना में भूमिगत बिजली केबल, ढके हुए नाले, फुटपाथ, पार्किंग और पौधरोपण जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।
स्थानीय प्रतिक्रिया
- मेरठ विवाह मंडप एसोसिएशन जैसे संगठनों ने विरोध जताया है।
- कुछ स्थानीय निवासियों ने अफसरों की लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत की है कि अतिक्रमण हटाए बिना ही काम शुरू किया गया।
- ट्रैफिक डायवर्जन (अक्टूबर-नवंबर 2025) लागू होने से भी लोगों में असुविधा है।
यह योजना उत्तर प्रदेश में 16 शहरों में चल रही है, जिसका उद्देश्य आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल सड़कें बनाना है। मेरठ में यह पहला बड़ा प्रोजेक्ट है, लेकिन विवाद से काम प्रभावित होने की आशंका है। प्रशासन जांच कर रहा है, लेकिन व्यापारियों की मांग है कि महायोजना और वास्तविक चौड़ाई में समन्वय हो।