झंडे़वालान में हरि श्री नाथ जी मंदिर-दरगाह, पार्किग के लिए किया ऐसा, मेरठ में कैंट विधायक को ज्ञापन
नई दिल्ली/मेरठ। दिल्ली के झंड़वालान में प्रचीन बाबा पीर रतन नाथ मंदिर दरगाह को बुलडोजर किए जाने के विरोध में अनुयाइयों ने कैंट विधायक अमित अग्रवाल को ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने वालों ने मांग की कि मंदिर की जमीन को वापस दिलाया जाए। यह मामला आस्था से जुड़ा हुआ है। बुलडोज की कार्रवाई से लोगों की भावनाएं आहत हुई है। केवल मेरठ या दिल्ली ही नहीं देश और दुनिया में इस मंदिर और दरगाह की बहुत मान्यता है। कैंट विधायक से मांग की गयी कि उनकी बात सरकार तक पहुंचायी जाए।
29 नवंबर 2025 को चला दिया बुलडोजर
दिल्ली के झंडेवालान इलाके में स्थित प्राचीन बाबा पीर रतन नाथ मंदिर (जिसे हरि श्री नाथ जी मंदिर या मंदिर-दरगाह के नाम से भी जाना जाता है) पर 29 नवंबर 2025 को MCD और DDA की संयुक्त कार्रवाई में बुलडोजर चला दिया गया। यह मंदिर 1947 के विभाजन के समय पेशावर से दिल्ली लाए गए बाबा रतन नाथ जी की याद में स्थापित हुआ था, और इसका इतिहास नाथ संप्रदाय से जुड़ा है। मंदिर में शिवलिंग स्थापित है, जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं।
कार्रवाई के दौरान मंदिर परिसर के लंगर हॉल, बगीचा, तुलसी वन और कुछ संरचनाएं ध्वस्त कर दी गईं। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह 800-1400 साल पुराना स्थान है, विरोध प्रदर्शन के दौरान कई भक्तों को हिरासत में लिया गया, जिसमें AAP विधायक विशेष रवि भी शामिल थे।
मुख्य आरोप:
- GRAP नियमों का उल्लंघन: प्रदूषण नियंत्रण के तहत उस दिन निर्माण/ध्वस्तीकरण पर रोक थी, फिर भी भारी पुलिस बल के साथ कार्रवाई की गई।
- RSS पार्किंग का दावा: कई लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई RSS मुख्यालय ‘केशव कुंज’ के पास पार्किंग और रास्ता बनाने के लिए की गई।
- आस्था पर हमला: भक्तों ने इसे सनातन धरोहर पर प्रहार बताया। विरोध में हरिद्वार, चंदौसी और जंतर मंतर पर प्रदर्शन हुए।
कांग्रेस ने संसद में मुद्दा उठाया, जहां अजय माकन ने इसे “अवैध” बताया। AAP ने भी BJP पर निशाना साधा। प्रशासन का कहना है कि केवल जर्जर/अवैध संरचनाएं हटाई गईं, मंदिर को नुकसान नहीं पहुंचा। यह घटना दिल्ली में बुलडोजर कार्रवाइयों की नई बहस छेड़ चुकी है। भक्तों की मांग है कि मंदिर की जमीन वापस की जाए और पुनर्निर्माण हो।