खड़ी हो सकेंगी एक साथ 34 ट्रेनें, मेरठ में एनसीआरटीसी आरआरटीएस कॉरिडॉर का दूसरा डिपो मोदीपुरम में तैयार कर रहा है। इसके अंतर्गत ट्रेन डिपो के साथ-साथ एक मेट्रो स्टेशन भी बनाया जा रहा है। मोदीपुरम का यह डिपो और मेट्रो स्टेशन मेरठ कृषि विश्वविद्यालय कैंपस से लगभग 200 मीटर की दूरी पर बनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय के ठीक पहले यहां से एक रेलवे लाइन गुजरती है, जिसे पार करने के लिए और मेट्रो स्टेशन तक यात्रियों की सुगम पहुंच के लिए एनसीआरटीसी एक एफओबी का निर्माण भी करने जा रहा है। रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ स्टेशन के प्रवेश-निकास द्वार बनाए जा रहे हैं। मोदीपुरम डिपो स्टेशन को सुविधा के लिए मेरठ-हरिद्वार मुख्य मार्ग से भी जोड़ा जा रहा है, जिसके लिए एक 30 मीटर चौड़ी एप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा। मोदीपुरम डिपो का स्टेशन एट-ग्रेड होगा। इस स्टेशन पर दो प्रवेश-निकास द्वार बनाए जाएंगे।
मोदीपुरम डिपो में ट्रेनों के लिए स्टेबलिंग लाइन का निर्माण भी किया जाएगा, जिन पर 34 ट्रेन खड़ी हो सकेंगी। इन ट्रेनों के लिए ऑटोमैटिक वॉशिंग प्लांट भी लगाया जाएगा, जिनसे ट्रेन की सफाई आदि की जाएगी। मोदीपुरम डिपो मे डिपो के सुचारु संचालन के लिए डिपो नियंत्रण केंद्र (डीसीसी) तैयार किया जाएगा। एक ट्रेन वर्कशॉप भी तैयार की जाएगी जहां पर नमो भारत और मेट्रो ट्रेन का रखरखाव किया जाएगा।
इसके साथ ही डिपो स्क्रैप यार्ड, लॉजिस्टिक कार्यालय व कम्प्रेसर रूम आदि भी तैयार किए जाएंगे। पूरे डिपो को ग्रीन एरिया के रूप मे विकसित किया जाएगा, जिसके तहत बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। नवीकरण ऊर्जा उत्पादन के लिए रूफ टॉप पर सोलर पैनल भी स्थापित किए जाने की योजना है।
मेरठ मेट्रो के अंतर्गत मेरठ में कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिनमें से कई का निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है। कुछ स्टेशनों पर फिनिशिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। मेरठ मेट्रो का संचालन आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे पर ही किया जाएगा, जो देश में पहली बार हो रहा है। मेट्रो ट्रेन की सुविधा मेरठ साउथ स्टेशन से यात्रियों को मिलेगी और मोदीपुरम डिपो तक ट्रेन संचालित होगी। इस सेक्शन पर मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल स्टेशन अंडरग्राउंड हैं व बाकी स्टेशन एलिवेटेड हैं। इनमें से मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम से नमो भारत ट्रेन की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी। अन्य स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो की पूरी परियोजना को अगले साल तक चालू करने का लक्ष्य निर्धारित है।