लगातार दूसरी बार जीता सोना, जापान व चीन के खिलाड़ियों को पछाड़ा, अगला पड़ाव विश्व चैंपियनशिप क्वालीफिकेशन
नई दिल्ली/गुमी। 100 मीटर हर्डल्स स्पर्धा महज 2.96 सेकंड में पूरी कर भारतीय एथलीट ज्योति याराजी ने गोल्ड जीत कर इतिहास रच दिया। साथ ही उन्होंने चैंपियनशिप रिकॉर्ड के खिताब को भी बचाया। हालांकि बारिश की वजह से स्टेडियम में सन्नाटा था लेकन जैसे ही ज्योति ने इतिहास रचा तालियों की गड़गड़ाहट से स्टेडियम गूंज उठा। ज्योति ने मौसम और अकेलेपन की परवाह न करते हुए शानदार फिनिश किया। ज्योति की यह जीत विश्व चैंपियनशिप क्वालीफिकेशन की दिशा में बड़ा कदम है
जापान व चीन को शिकस्त
ज्योति ने ना केवल इतिहास रचा उन्होंने अपना खिताब भी बचाया। इससे भी बड़ी बात यह कि इस स्पर्धा में उन्होंने जापान व चीन जैसे देश के खिलाड़ियों को शिकस्त दी। हालांकि शुरुआत में जापान की युमी तनाका और चीन की यानी वू ने बेहतर स्टार्ट ली, लेकिन आखिरी हर्डल्स के बाद ज्योति की गजब की स्पीड और रिदम ने उन्हें पीछे छोड़ दिया। तनाका ने 13.04 सेकंड और वू ने 13.12 सेकंड के साथ रजत और कांस्य पदक जीते। इस इवेंट में ज्योति ने मौसम और अकेलेपन की परवाह न करते हुए शानदार फिनिश किया।
लगातार सेकेंड टाइम
ज्योती ने यह उपलब्धी लगातार नॉन स्टाप दूसरी बार हासिल की है। यह ज्योति की दूसरी एशियन चैंपियनशिप गोल्ड है – 2023 में बैंकॉक में भी उन्होंने स्वर्ण जीता था। इस जीत ने उन्हें एशिया की ‘हर्डल्स क्वीन’ के रूप में और मजबूत कर दिया। उनके कोच जेम्स हिलियर ने कहा, “यह एक परफेक्ट रेस प्लान था। ज्योति ने अपनी पुरानी 8-स्ट्राइड तकनीक पर वापस लौटकर इंजरी के रिस्क को कम किया और शानदार वापसी की।”
कौन है ज्योती याराजी
विशाखापट्टनम के पास पोम्बारम गांव की रहने वाली ज्योति का सफर बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। उनके पिता प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड हैं और मां घरों में सफाई का काम करती हैं। 2017 में लॉन्ग जंप से हर्डल्स में स्विच करने वाली ज्योति ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड (12.78 सेकंड) अपने नाम किया है। 2023 एशियन गेम्स में सिल्वर, ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व और अब यह गोल्ड – ज्योति भारतीय महिला एथलेटिक्स की नई मिसाल हैं। ज्योति जल्द ही 12.73 सेकंड का ग्लोबल स्टैंडर्ड छू सकती हैं।