दागदार ठेकेदार-गजब निगम अजब अफसर, मेरठ नगर निगम गजब है इसके अफसर गजब हैं। जिस शख्स पर निगम से लंबित जांचों की फाइलें गुम करा कर करोड़ों के राजस्व का चूना लगाने का के गंभीर आरोप लगाए गए हें। ऐसे कर्मचारी को नगर निगम से रिटायर्ड होने के बाद निगम अफसरों ने ठेकेदार के तौर पर रजिस्टर्ड कर लिया है। इसको लेकर निगम अफसर के इस फैसले पर निगम के कुछ अफसर व स्टाफ भी दबी जुबान में विरोध कर रहे हैं। लेकिन विभागीय अनुशासन की वजह से खुलकर बोलने से कन्नी काट रहे हैं। उनका साफ मानना है कि यह ठीक नहीं हुआ। यह पूरा मामला नगर निगम के निर्माण विभाग से जुड़े लोकश शर्मा का है। लोकेश शर्मा नगर निगम के निर्माण विभाग के हैड क्लर्क या यानी बड़े बाबू के पद से रिटायर्ड हुए। बड़े बाबू का पद नगर निगम जैसे सरकारी स्थानीय निकाय विभाग में कितना प्रभावशाली व मलाईदार होता है यह बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन यहां बात की जा रही है मेरठ के शहर घंटाघर स्थित होटल पाल व होटल अलकरीम से जुड़ी पत्रावलियों के गायब होने की। दरअसल इस मामले की जांच शासन से सीबीसीआईडी आगरा शाखा काै सौंपी है। पिछले दिनों सीबीसीआईडी के एक अधिकारी मेरठ आए थे। सुनने में आया है कि उनके साथ अभद्रता की गयी थी। लेकिन सीबीसीआईडी की इस जांच से पूरे निगम प्रशासन के आला अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। यह पूरी जांच की यदि बात की जाए तो नगर निगम के भर्ती घोटाले से यह पूरा मामला जुड़ा हुआ है। जिसमें शासन ने तत्काल इन कर्चारियों का वेतन आहरण रोकने के आदेश भी दिए हैं। लेकिन नगर निगम के अफसर बजाए शासन के निर्देशानुसार काम करने के भर्ती घोटाले में फंसे तमाम दोषी कर्मचारियों का वेतन आहरण कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में शासन की ओर से जो अधिकारी वेतन आहरण कर रहे हैं उनसे भी करोड़ों की रिकबरी के आदेश दे सकता है। (नोट यह रिपोट मेरठ से वीके गुप्ता ने भेजी है।)