मेरठ। महामाना मालवीय मिशन मेरठ शाखा के तत्वाधान में पीएनबी बिल्डिंग चौथी मंजिल मेरठ (सीसीएस यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार के निकट) श्रीमद् भागवत गीता पर व्याख्यान सुप्रसिद्ध संत स्वामी अनंता नंद जी महाराज आश्रम बिजोली मेरठ द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वन्दना एवं कुलगीत गाकर की गयी। तत्पश्चात कार्यक्रम में श्री मुनीश कुमार अध्यक्ष महामाना मालवीय मिशन मेरठ द्वारा मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया।


कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर महामाना मालवीय मिशन मेरठ शाखा के अध्यक्ष ई. मुनीश कुमार के द्वारा कर्म योग विषय पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता मे कर्म योग को अत्याधिक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंडित महामना मालवीय जी सच्चे अर्थ में कर्म योगी थे। उन्होंने महामना मालवीय मिशन के उद्देश्यों के बारे में बताया कि मिशन, सशक्त समाज के लिए महामना मालवीय मिशन के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का संवाहक है मिशन बिना किसी सहकारी सहायता के जन-मानस के कल्याण के लिए अग्रसर है उन्होंने बताया महामना मालवीय मिशन का गठन 1978 में बी0एच0यू0 के पूर्व छात्रों द्वारा किया गया था और अब पूरे देश में इसकी 28 शाखायें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि महामना मालवीय मिशन मेरठ शाखा की स्थापना महामना मालवीय मिशन द्वारा कराये जा रहे सामाजिक कार्यों से ओत-प्रोत होकर 15 नवम्बर 2015 को की गयी थी। अध्यक्ष, महामाना मालवीय मिशन मेरठ ने बताया कि मेरठ शाखा की स्थापना से अब तक मिशन द्वारा प्रत्येक वर्ग के उत्थान, स्वास्थ्य व शिक्षा पर लगातार कार्य किया जा रहा है। मेरठ शाखा में विभिन्न वर्गों के लगभग 150 आजीवन सदस्य जुड़े हुए है। मिशन के प्रयासों से सफलता हासिल हो रही है,इं० मुनीश कुमार ने बताया कि मिशन जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए समर्पित है मिशन सभी वर्गों का उत्थान स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर निरन्तर कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध संत स्वामी अनंता नंद जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता मानव जीवन का सार है उन्होंने कर्म योग के सिद्धांत पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्म श्रेष्ठ है हमे अपने कर्म को पूरी निष्ठा और समर्पण से करना चाहिए। कर्म करना हमारा कर्तव्य है। कर्म हमे निष्ठा और समर्पण के महत्व को सिखाता उन्होनें कहा कि श्रीमद् भागवत गीता भारतीय परम्परा और भारतीय संस्कृति पर आधारित है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में वह शक्ति है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास समाज और राष्ट्र के समन्वित विकास के लिए आवश्यक है। मुख्य अतिथि ने कहा कि महामाना मालवीय मिशन मालवीय जी के आदर्शो पर चलते हुए जनमानस के कल्याण के लिए समर्पित है। मुख्य अतिथि द्वारा मिशन के प्रयासों की सरहाना की गई।
विशिष्ट अतिथि डॉ. आर. सी. गुप्ता, प्रधानाचार्य LLRM कॉलेज मेरठ ने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान और कर्म में उचित समन्वय अवश्यक है। कर्म योग तभी सिद्ध होगा जब ज्ञान को कर्म से आत्मसात किया जाए। उन्होंने कहा ज्ञान को सिर्फ जानकारी तक सीमित रखना व्यर्थ है। ज्ञान को जीवन मे लागू करने और कर्म में बदलने से हम जीवन को समृद्ध बना सकते हैं ।विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेश द्विवेदी, प्रोफेसर, IIT BHU ने कहा कि मालवीय जी के जीवन का त्याग और उनके विचार सदा ही राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होनें कहा कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मन निवास करता है। उन्होंने बताया कि मालवीय जी हमेशा स्वस्थ्य शरीर पर बल देते थे। उन्होंने बताया कि मालवीय जी कहा करते थे कि स्वस्थ्य शरीर के लिए अहार और व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
कार्यक्रम के अंत में श्री सतीश चंद्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री वीरेंद्र शर्मा द्वारा किया गया इस अवसर पर श्री पी. के. मित्तल, श्री एल. के. गुप्ता, ई. एस. सी. गोविल, डाॅ. नीरज सक्सेना, ई. सतीश चन्द्र, श्री आर.के. अग्रवाल, श्री जी. के. गोयल, श्री मुकुल रस्तोगी, ई. पी. के. गोयल, डाॅ. आशु मित्तल, श्री अजय वीर गर्ग, ई. ऐ. के. वर्मा, ई. नीरज सक्सेना, श्री वीरेंद्र शर्मा, श्री जे. जी. गुप्ता, श्री जे. जी. सिंह, श्री एस. के. गुप्ता, श्री ऐ. के. कंसल, श्री जे. एस. अत्रि, श्री विनय मित्तल, ई. वी. के. गुप्ता एवं मेरठ शाखा के अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।
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