रैपिड टनल में ट्रैक का काम, मेरठ टू दिल्ली रैपिड रेल प्रोजेक्ट में मेरठ में बनायी गयी टनल में ट्रैक बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। आरआरटीएस के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर टनल निर्मित की जाती हैं। गांधी बाग से बेगमपुल तक समानांतर टनल का निर्माण भी दो दिन पहले ही पूर्ण हुआ है। इसके साथ ही, भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच की भी दोनों टनल निर्मित हो चुकी हैं। इन सभी टनलों में ट्रैक बिछाया जाना है। इस कार्य की शुरुआत गांधीबाग से बेगमपुल तब बन चुकी पहली टनल से कर दी गई है। शताब्दीनगर के कास्टिंग यार्ड की ट्रैक स्लैब फैक्ट्री में प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। देश में पहली बार ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जिनसे उच्च क्षमता वाले बलास्टलैस ट्रैक स्लैब का उत्पादन हो रहा है। इनका जीवन काल लंबा होता है और इन्हें कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। जिस कारण, इस ट्रैक के रख-रखाव की कुल लागत भी कम होती है। इस ट्रैक तकनीक की मदद से एनसीआरटीसी हाई स्पीड और हाई फ्रीक्वेंसी आरआरटीएस ट्रेनें चलाने में सक्षम होगी और संचालन के दौरान क्रमशः 180 किमी प्रति घंटे और 100 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सुनिश्चित करेगी। पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए कुल लगभग 42000 प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद-दुहाई) के लिए ही लगभग 9000 ट्रैक स्लैब बनाकर इन्सटॉल किये जा चुके हैं। प्रायोरिटी सेक्शन का संचालन इसी वर्ष शुरू किया जाना है, जिसके लिये एनसीआरटीसी द्वारा लगातार आरआरटीएस ट्रेनों की टेस्टिंग की जा रही है। वहीं, दिल्ली से मेरठ तक सम्पूर्ण कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2025 में आरंभ करने का लक्ष्य है।