आचार्य मनोडी ने बताया जीवन का सार

kabir Sharma
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मेरठ। मानव जाति के लिए यदि कोई एक जीवन संहिता है या जीवन को दिशा देने वाला कोई एक ग्रंथ है तो केवल श्रीमद्भगवतगीता ही है। यह एक ऐसा ग्रंथ है जो मानव जीवन की सभी समस्याओं का समाधान बताता है। उक्त विचार आचार्य श्रीराधाकृष्ण मनोडी ने व्यक्त किए। आचार्य मनोडी ने बताया जीवन का सार ही श्रीमद्भागवत है। विश्व गीता संस्थान के संस्थापक एवं विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मन्त्री आचार्य श्रीराधाकृष्ण मनोडी विश्व गीता संस्थान के मासिक उपवेशन में मुख्य अतिथि के रूप बोल रहे थे। शास्त्री नगर सैक्टर दो स्थित वरिष्ठ नागरिक मिलन समिति के कार्यालय में आयोजित उक्त मीटिंग का शुभारंभ संस्थान की अंतर्राष्ट्रीय महासचिव एवं अंतरराष्ट्रीय कवयित्री श्रीमती तुषा शर्मा द्वारा प्रस्तुत वन्दना एवं मधुराष्टक के वाचन से हुआ। मीटिंग में विगत 16 फरवरी 2025 को मेरठ में आयोजित विश्व गीता संस्थान के वार्षिक समारोह के सफल आयोजन पर विचार विमर्श किया गया तथा भविष्य में आयोजन की सार्थकता व इस की आवश्यकता को बढ़ाने पर बल दिया। अंतरराष्ट्रीय महासचिव श्रीमती तुषा शर्मा ने वर्ष भर के कार्य -कलाप के विषय में तथा वर्ष 2025 के कार्यक्रम के विषय के साथ साथ ही संस्थान के सदस्यता अभियान पर चर्चा की। संस्थान के प्रान्तीय अध्यक्ष डाक्टर सुधांशु अग्रवाल व प्रान्तीय कार्याध्यक्ष डाक्टर जितेंद्र त्यागी ने भी संस्थान की गतिविधियों को बढ़ाने व सभी की सक्रियता बढ़ाने पर जोर दिया। मीटिंग को सफल बनाने मे श्री सत्यप्रकाश, नरेंद्र शर्मा, दुलीचन्द, श्रीमती रेणु चौधरी, श्रीमती चुन्नी रस्तोगी, मुकेश शर्मा, महीपाल सिंह, चन्द्रशेखर मयूर व सुमनेश सुमन उपस्थित रहे। मीटिंग के समापन पर वरिष्ठ नागरिक मिलन समिति के वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र शर्मा ने सभी का आभार प्रकट किया। यह जानकारी कवि सुमनेश सुमन ने दी।

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