अपनी खामी नहीं-विरोधी की कमजोरी की तलाश

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अपनी खामी नहीं-विरोधी की कमजोरी की तलाश, मेरठ नगर निगम के नए महापौर के चुनाव के लिए परसो मतदान होना है, इसकी तैयारियों के नाम पर तमाम प्रत्याशी जिन्हें मुख्य मुकाबले में माना जा रहा है, वो बजाए अपनी खामियां तलाश कर उन्हें दूर करने के बजाए विराेधी की कमजोरी तलाश कर उस पर जश्न मना रहे हैं.  इसमें बड़ा रोल चुनाव में लगे उन कार्यकर्ताओं का नजर आता है जो दो चार घंटे बाद सीधे चुनाव कार्यालय पहुंचें हैं उसके बाद सीधे प्रत्याशी के सामने या फिर चुनाव खजांची के सामने पहुंचकर विरोधी की कमजोर कड़ी गिनाना शुरू कर देते हैं, उसके बाद परिणाम मनमाफि तो मिलना बनता है. समझदार को इशारा काफी है. मंगलवार की शाम को चुनाव प्रचार रूक जाएगा, उससे पहले तमाम प्रत्याशियों ने मतदाताओं पर डोरे डालने में पूरी ताकत लगा दी है. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि ताकत केवल वहीं लगायी जाए जहां अपने मतदाता हैं. मसलन जिस इलाके से वोट मिल सकते हैं. लोकतंत्र की सेहत के लिए यह मानसिकता बड़े खतरे का संकेत है, सोमवार को जब गठबंधन प्रत्याशी के सीमा प्रधान के समर्थन में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने रोड शो किया तो काफिला एक वर्ग विशेष के इलाके से ही गुजरा. मंगलवार को भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया का रोड शो निकला तो उनका रूट भी सपाइयों की तर्ज पर तय किया गया. हरिकांत अहलूवालिया के रोड में शामिल होने खुद प्रदेश भाजपाध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी मेरठ पहुंचे. उनके अलावा महानगर भाजपाध्क्ष मुकेश सिंहल, राज्यमंत्री कैंट विधायक अमित अग्रवाल, एलएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज भाजपा का पंजाबी चेहरा कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील वाधवा, भाजपा नेता अश्वनी कंबोज,  सचिन चौधरी, भाजपा छावनी मंडल अध्यक्ष विशाल कन्नौजिया, भाजपा छावनी मंडल महिला मोर्चा अध्यक्ष अंजली गुप्ता, सरीखे तमाम बड़े नेता शामिल रहे. इनके अलावा रोड शो में भाजपा के तमाम बड़े चेहरे शामिल कर पब्लिक को आल इस वैल का संदेश देने का प्रयास कियाा गया. रोड शो में शामिल कुछ लोगों में   एमआईएम सुप्रीमो ओबैसी की आमद का बेसब्री से इंतजार दिखा. उनका कहना था कि असली मददगार तो वहीं हैं.

वोट मिलेगी इस वादे पर

स्थानीय निकाय चुनाव, मेरठ में अपने सभी महापौर प्रत्याशियों से मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन, रजि0 एवं मेरठ के समस्त सराफा व्यवसायी और स्वर्णकार एक सवाल का जवाब चाहते हैं कि, अगर आप निर्वाचित होकर मेरठ के महापौर बनेंगे तो क्या नगर निगम के स्वामित्व वाली नई सड़क, शास्त्री नगर स्थित भूखंड 6041 पर ज्वेलरी पार्क/जवैलरी क्लस्टर/ फैक्ट्री फ्लेटेड कॉम्लेक्स गोरखपुर नगर निगम की तर्ज पर बनवाने का वादा करेंगे।🙏 मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद उक्त मुददे पर पक्का वादा चाहते हैं.

कांग्रेस के रोड शो में इतना सन्नाटा क्याें है भाई: कांग्रेस ने महापौर प्रत्याशी नसीम कुरैशी के समर्थन में रोड शो निकाला, लेकिन जब रोड शो शहर की सड़कों से गुजरा तो लोगों के मुंह से अनायास ही निकल पड़ा कि इतना सन्नाटा क्या है भाई. कांग्रेस के रोड शो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसा चुनाव लड़ा जा रहा है. हालांकि जिला व शहर संगठन ने पूरी ताकत लगा रखी है. संगठन के बाकि लोग भी मजबूती से लगे हैं.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले मेरठ के डा. यूसुफ कुरैशी इन दिनों भारी डिमांड में हैं. बुलंदशहर समेत कई जनपदों में चुनाव प्रचार के लिए उन्हें बुलाया गया है. मुस्लिमों में उनकी जरूरत तमाम प्रत्याशी महसूस कर रहे हैं. उन्होंने लगातार कांग्रेस के पक्ष में जनसभाएं की हैं.

बसपाइयों ने अच्छे खासे चुनाव की बजा डाली बैंड: बसपाइयों ने महापौर प्रत्याशी हशमत मलिक के अच्छे खासे चुनाव की बैड़ बजाने का काम किया है और रही सही कसर प्रत्याशी की साेशल मीडिया पर वायरल होने वाली कुछ वीडियो ने पूरी कर दी. चुनाव के शुरूआती दौर में माना जा रहा था कि दलित ओबीसी और मुसलमानों के बूते हशमत मलिक मजबूती से टक्कर देंगे, लेकिन जैसे जैसे दिन गुजरे अपनी खुद की गलतियों से पटरी पर दौड़ रहा चुनाव पटरी से उतरता नजर आया. रही सही कसर मुसलमानों के बंटवारे ने पूरी कर दी. हालात यह है कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन महापौर प्रत्याशी से ज्यादा तो कुछ वार्ड में पार्षद प्रत्याशी मजबूती से लड़ते नजर आए.

पब्लिक नहीं पार्टी नेताओं के लिए होता रोड शो: गठबंधन प्रत्याशी सीमा प्रधान के समर्थन में एक दिन पहले सोमवार को  सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव रोड शो कर गए हैं, लेकिन जो हालात बने हुए हैं उसको देखकर तो यही कहा जा सकता है कि अखिलेश यादव को बजाए पब्लिक के बीच रोड शो निकलाने के सपाइयों के बीच रोड शो निकालना चाहिए था, ऐसा करने से शायद प्रत्याशी का ज्यादा मदद मिल सकती थी.  अखिलेश की मेरठ आमद नाराजगी दूर करने में कितनी कारगर साबित हुई है यह 13 मई के बाद ही साफ हो सकेगा.

नजर आ रही है झाड़ू फिरती: महापौर के चुनाव में जिस धूमधड़ाके के साथ आम आदमी पार्टी ने पारी की शुरूआत की थी, चुनाव प्रचार खत्म होते होते ऐसा नजर आता है कि मानो झाड़ु फिर गयी है, यह झाड़ू कहां फिरी है, यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल सकेगा, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि चुनाव पर पूरी रह से झाड़ू फिर गयी नजर आती है.

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