दहशत में व्यापारी दुकानें रखी बंद

kabir Sharma
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मेरठ/ आवास विकास परिषद ने सेंट्रल मार्केट के अवैध कांप्लैक्स 661/6 को ध्वस्त करने के लिए अंतिम नोटिस दे दिया है। इससे व्यापारियों में जबरदस्त दशहत है। जिंदगी भर की कमाई को लगागर जिन्होंने इस कांप्लैक्स में दुकानें खरीदी थीं और अपने परिवार को गुजर बरसर कर रहे थे वो बुरी तरह से डरे हुए हैं। अपनी दुकानों को बचाने के लिए उसने जो कुछ बन पड़ रहा है कर रहे हैं। इन व्यापारियों की मदद के लिए अन्य व्यापारियों ने आवास विकास परिषद की कार्रवाई के विरोध में सेंट्रल मार्केट को बंद रखा। बाद में सभी लोग प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर से मिलने के लिए गए।


सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स 661/6 को लेकर व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। दरअसल व्यापारियों मुश्किल यह है कि उनकी ओर से दायर की गयी सभी याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं। आवास एवं विकास परिषद ने 21 दुकानदारों को 15 दिन में दुकानें खाली करने का तीसरा अंतिम नोटिस जारी किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला चलाने की चेतावनी भी दी गई है। आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर दी है। परिषद ने आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियों के कारण लगभग 80 मकानों के आवंटन निरस्त कर दिए हैं। इससे नाराज व्यापारियों ने बुधवार को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक बाजार बंद रखा। व्यापारी ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर के शास्त्री नगर स्थित आवास पर पहुंचे। ऊर्जा राज्यमंत्री डा. तोमर ने उनकी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि सभी जनप्रतिनिधि व सरकार भी व्यापारियों के साथ हैं। मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने व्यापारियों को हौसला दिया और कहा कि घबराएं नहीं। ऊर्जा मंत्री से मिलने के बाद व्यापारियों ने अपनी दुकानें खोल दी हैं। वहीं दूसरी ओर आवास विकास परिषद से अंतिम नोटिस आने के बाद इस अवैध कांप्लैक्स के व्यापारियों के चेहरों पर दहशत साफ पढ़ी जा सकती है। उन्हें सब कुछ लूटता हुआ नजर आ रहा है। इन व्यापारियों को समझ नहीं आ रहा है कि कोई और कैसे उनकी मदद कर सकता है, लेकिन उन्हें इस वक्त मदद की दरकार है। उनका कहना है कि यदि मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढेÞ तो वो बुरी तरह सचे बर्बाद हो जाएंगे। ये व्यापारी उस घड़ी को कोस रहे हैं जिस घड़ी आवास विकास परिषद के अधिकारियों से टकराव की घटना हुई। वो साफ कह रहे हैं कि टकराव की वो घटना ही सारे फसाद की जड़ है। यदि तब संयम से काम लिया होता तो शायद आज सब कुछ बर्बाद होते हुए देखने की नौबत ना आती। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि केवल व्यापारी ही कसूरवार नहीं, उन अफसरों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए जिनके रहते हुए यह अवैध इमारत तामीर की गयी। जो कार्रवाई आज की जा रही है वो कार्रवाई यदि उस वक्त की गयी होती तो शायद इन व्यापारियों को यह दिन ना देखना पड़ता।

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