मुसीबत बने छुट्टा पशुओं से निपटेंगे, माल रोड समेत प्रमुख इलाकों पर सख्ती, काली पलटन के छुट्टा पशु चुनौती
मेरठ। कैंट वालों के लिए मुसीबत बने छुट्टा पशुओं से अब कैंट बोर्ड के लठैत निपटेंगे। यह प्रयोग पहले भी किया गया था और सफल भी रहा था। एक बार फिर से कैंट बोर्ड प्रशासन ने छुट्टा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए लठैत तैनात किए हैं। इसका असर भी दिखाई दे रहा है। माल रोड का एक बड़ा हिस्सा छुट्टा पशु मुक्त नजर आने लगा है। लेकिन इसके इतर कैंट का काली पलटन मंदिर क्षेत्र का इलाका अभी भी मंदिर आने जाने वाले व मार्निंग वॉक वालाें के लिए मुसीबत बना हुआ है और मुसीबत डेयरी संचालकों से ज्यादा उनकी देन हैं जो सुबह-सुबह पुण्य कमाने के नाम पर छुट्टा पशुओं के लिए मंदिर क्षेत्र में जगह-जगह हरे चारा और खाने के सामान का ढेर लगा देते हैं।
हादसे और गंदगी
छुट्टा पशुओं की वजह से केवल हादसे ही नहीं हो रहे हैं बल्कि इनकी वजह से कैंट के सदर से सटे इलाके सबसे ज्यादा गंदे रहने लगे हैं। सुबह के वक्त तो यह हाल होता है कि सदर की गलियों से निकला भी दुश्वार हो जाता है क्योंकि गली मोहल्लों मे छुट्टा पशुओं का कब्जा होता है। यहां तक कि सदर मेन बाजार, सदर कबाड़ी बाजार, बोम्बे बाजार, हनुमान चौक, ालकुर्ती फुव्वार चौक, तोपखाना, रजबन बाजार यहां कि कई बार तो सुबह के वक्त कैंट बोर्ड आफिस के सामने भी छुट्टा पशुओं के झुंंड बैठे नजर आते हैं।
दूध दोह कर देते हैं छोड़
छुट्टा पशुओं की मुसीबत के लिए वो भी जिम्मेदार हैं जो सुबह शाम दोनों वक्त दूध दाेहने के बाद छुट्टा पशुओं को खुला सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ देते हैं। रात को करीब 10 बजे के बाद कई इलाकों से तो निकला भी मुश्किल हो जाता है। अब कैंट बोर्ड ने इस समस्या के समाधान की दिशा में बड़ी पहल करते हुए लठैत तैनात किए हैं।