कैंट बोर्ड मस्त सदर वाले पस्त

kabir Sharma
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तीन दिन से पानी नहीं, ठेकेदार उतरा है मनमानी पर, शिकायत के बाद भी कैंट बोर्ड अफसर मौन, बिजली नहीं तो पानी भी नहीं

मेरठ। भाजपा की छपरौली यानी कैंट विधानसभा का सदर इलाका जिसको भाजपा का अभेदय दुर्ग कहा जाता है, यहां रहने वाले बीते तीन दिनों से बूंद-बूंद पानी केा तरस रहे हैं। दरअसल इस इलाके में बिजनेस प्लान के तहत बिजली के तारों को बदला जा रहा है, जिसकी वजह से लाइन पर काम करने वाला स्टाफ लंबा-लंबा शट डाउन लेता है। जब से यह काम शुरू किया गया है तब से लोग पानी के लिए भी परेशान हो रहे हैं। हालांकि पानी की सप्लाई बंद होने से बिजली महकमे से कुछ लेना देना नहीं है। इसका सीधा सरोकार कैंट बोर्ड के जलापूर्ति ठेकेदार से है। नियमानुसार होना तो यह चाहिए कि जो निर्धारित वक्त है तब पानी आना चाहिए, लेकिन पानी की सप्लाई चालू नहीं की गयी है। इसकी दो ही वजह हो सकती हैं पहली यह कि जिन पंपों से सदर के वार्ड छह व वार्ड पांच आदि में पानी की सप्लाई की जाती है वहां पर या तो स्टाफ ही नहीं है और यदि स्टाफ है भी तो फिर वहां जैनरेटर का इंतजाम नहीं है यदि यह भी मान लिया जाए कि जैनरेटर का इंतजाम आगरा वाले ठेकेदर ने किया हुआ है तो फिर इन जेनरेटरों में डीजल डालने के लिए वहां काम करने वाले आपरेटर की जेब में पैसे नहीं है। वजह कुछ भी हो लेकिन यूपी को डबल इंजन की सरकार देने वाले भाजपा के इस गढ़ के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रह है। लोगों ने बताया कि कैंट बोर्ड में भी शिकायत की जा चुकी है लेकिन फिर भी पानी की किल्लत बनी हुई है।

कैसे निपटें घर के काम

पानी की किल्लत के चलते सबसे जयादा परेशान ग्रहणियां हैं। उनका कहना है कि जब पानी ही नहीं आ रहा है तो फिर घर का साफ सफाई खाना बर्तन की सफाई कैसे करें। कैसे कपड़ों धोए और नहाएं, लेकिन लगता है कि कैंट बोर्ड और उसके चहेते ठेकेदार को इससे कोई सरोकार नहीं रह गया है। ठेकेदार को भारी भरकम पेमेंट हो रही है, इसलिए उसको सदर के इन लोगों की मुसीबत नहीं दिखाई देती है।

पंपों पर ठेकेदार की बद इंतजामी

बिजली की लाइन बदले जाने के क्रम ने ठेकेदार के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है। कैंट बोर्ड के सूत्रों ने जानकारी दी है अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार को सभी पंपों पर जैनरेटर का इंतजाम करना है। इसके अलावा क्लोरिनेशन की भी व्यवस्था करनी है। पिछले दिनों जब रविन्द्रपुरी में दूषित पानी की सप्लाई का प्रकरण हुआ था तो हटा दिए गए सुपरवाइजर सचिन गोयल ने फजीहत के बाद आनन-फानन में सभी पंपों पर क्लोरिनेशन की मशीनें लगावा दी थीं, लेकिन जेनरेटरा किसी पंप पर नजर नहीं आए।

बत्ती गुल हुई तो खुली पोल

सदर इलाके में बिजली की लाइन पर कार्य के चलते जब शट डाउन लिया गया तब कैंट बोर्ड के वाटर सप्लाई ठेकेदार के इंतजामों व कैंट बोर्ड के दावों की पोल खुली। दरअसल पूरे छावनी क्षेत्र में लोगों ने अवैध रूप से टुल्लू पंप लगाए हुए हैं, जब पानी की जरूरत होती है पंप चालू किया औरटंकी भर ली। दरअसल बिजली आपूर्ति का इंतजाम इन दिनों पूरी तरह से माकूल है। इसलिए कैंट बोर्ड के ठेकेदार की वाटर सप्लाई का इंतजार नहीं किया जाता, लेकिन जब लाइट ही नहीं आ रही तो फिर कैसे टुल्लू पंप चालू किए जाएं, इसी वजह से ठेकेदार की ओर देखना पड़ा लेकिन ठेकेदार ने तो किसी पंप पर जेनरेटर सेट ही नहीं लगाए हैं फिर पानी कहां से मिले।

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