महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं दिल्ली

kabir Sharma
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महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं दिल्ली
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एनसीआरबी ने महिलाओं के लिए दिल्ली असुरक्षित, महिला सीएम होते हुए भी दिल्ली में डरती हैं महिलाएं, संख्या के आधार पर योगी का यूपी असुरक्षित

नई दिल्ली। सीएम भले ही महिला हों लेकिन महिलाओं के लिए दिल्ली बेहद असुरक्षित है लेकिन महिलाओं के प्रति अपराधों की संख्या की यदि बात करें तो उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। यूपी के सीएम योगी भले ही भय मुक्त प्रदेश का स्लोगन दे लेकिन एनसीआरबी के आंकड़े भय मुकत यूपी के दावों की हवा निकाल रहाहै। यूपी व दिल्ली के बाद महाराष्ट, राजस्थान, पश्चिम बंगला और मध्य प्रदेश हैं। पश्चिम बंगाल को यदि अपवाद मान लिया जाए तो एनसीआरबी ने जो राज्य महिलाओं के लिए असुरक्षित बताए हैं उन सभी में भाजपा का शासन है। एक अन्य रिपोर्ट में दिल्ली में 41% महिलाएं सुनसान जगहों पर असुरक्षित महसूस करती हैं, और रात के समय यह भावना और अधिक बढ़ जाती है। 

महिलाओं के प्रति अपराधों में लगातार वृद्धि

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट ‘क्राइम इन इंडिया 2022’ के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 4% की वृद्धि दर्ज की गई है। कुल 4,45,256 मामले दर्ज हुए, जो प्रति घंटे लगभग 51 एफआईआर के बराबर है। रिपोर्ट में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य और शहरों का खुलासा किया गया है, जो सामाजिक सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है।

सबसे असुरक्षित राज्य:

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर (प्रति 1 लाख महिलाओं पर अपराध) के आधार पर दिल्ली को सबसे असुरक्षित माना गया है, जहां दर 144.4 है। इसके बाद हरियाणा (118.7) और तेलंगाना (117) हैं। हालांकि, कुल मामलों की संख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जहां 65,743 मामले दर्ज हुए।

सबसे असुरक्षित शहर:

महानगरों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आधार पर दिल्ली को सबसे असुरक्षित शहर घोषित किया गया है, जहां 14,158 मामले दर्ज हुए, जो कुल महानगरों के मामलों का 29% से अधिक है। प्रति 1 लाख महिलाओं पर 186.9 अपराध दर्ज हुए। कुछ स्रोतों के अनुसार, जयपुर की दर (239.3) सबसे अधिक है, लेकिन महानगर श्रेणी में दिल्ली शीर्ष पर बनी हुई है।

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महिलाओं के खिलाफ अपराध में सबसे आगे प्रदेश:

कुल मामलों की संख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे आगे है, जहां 65,743 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद महाराष्ट्र (45,331), राजस्थान (45,058), पश्चिम बंगाल (34,738) और मध्य प्रदेश (32,765) हैं। ये पांच राज्य कुल मामलों का 50% से अधिक योगदान देते हैं। अपराधों की प्रमुख श्रेणियां: पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (31.4%), अपहरण (19.2%), शील भंग का प्रयास (18.7%) और बलात्कार (7.1%)।

प्रमुख आंकड़े तालिका (2022 बनाम 2021):

श्रेणी2022 (कुल मामले)2021 (कुल मामले)वृद्धि (%)
महिलाओं के खिलाफ कुल अपराध4,45,2564,28,2784
उत्तर प्रदेश65,74356,08317
दिल्ली (दर प्रति 1 लाख)144.4

एनसीआरबी ने कहा कि मामलों में वृद्धि रिपोर्टिंग में सुधार (जैसे ई-एफआईआर) का परिणाम हो सकती है, लेकिन यह महिलाओं की असुरक्षा को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता, पुलिस सुधार और लैंगिक समानता पर जोर देना जरूरी है।

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