

नादान ही नहीं बुर्जुग महिलाएं भी दौड़ा रहीं, मेरठी अफसर बने हैं बे-खबर, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान सुनवाई मंगल को
नई दिल्ली/ लखनऊ/मेरठ। ई रिक्शाओं की मुसीबत से पुलिस, आरटीओ और प्रशासन के अफसर भले ही बे-खबर बने हों, लेकिन हाईकोर्ट इस मुसीबत से कतई भी बेखबर नहीं है। हाईकोर्ट में इस मुसीबत को लेकर दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई भी कर रहा है और लगातार स्थानीय अफसरों की खबर भी ले रहा है, हालांकि यह बात अलग है कि हाईकोर्ट का असर स्थानीय अफसरों पर अभी तक तो नजर नहीं आ रहा है, इसकी वानगी शहर के वो दो चौराहे बेगमपुल और हापुड़ स्टैंड़ हैं जिनको एसपी ट्रैफिक ई-रिक्शा मुक्त घोषित कर चुके हैं। अब तो ई रिक्शा दौड़ाने वाले चाकू छुर्रे लेकर निकलते हैं जरा से किसी ने कुछ कहा नहीं कि तुरंत हमला। ऐसा ही कोतवाली इलाके में एक व्यापारी के साथ हुआ है।
बैक गेयर में दौड़ता है ई रिक्शा
शहर के मुख्य चौराहे बेगमपुल को लेकर तमाम दावे पुलिस अफसरों ने किए थे, लेकिन आज भी सबसे बुरा हाल बेगमपुल चौराहे का है। बेगमपुल चौराहे से आबूलेन, पीएल शर्मा रोड, बच्चापार्क रोड, दिल्ली रोड, लालकुर्ती पैठ एरिया और रुड़की रोड को रास्ता जाता है। बेगमपुल व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष पुनीत शर्मा बताते हैं कि यूं कहने को सोतीगंज बेगमबाग चौराहे पर ट्रैफिक सिपाही खड़ा होता है, लेकिन उसके बाद भी बैक गेयर में बेगमपुल पर ई-रिक्शा दिन भर दौड़ते हैं। पीएल शर्मा रोड पर बंसल मोटर्स के मालिक अंकुर बंसल बताते हैं कि ई-रिक्शाएं बेगमपुल तक सवारी छोड़ने के लिए अब पीएल शर्मा रोड पर गदर मचा रही हैं। सदर गंज बाजार के व्यापारी नेता अंकित गुप्ता मनु बताते हैं कि जो नई व्यवस्था लागू की गयी है उसकी मार आबूलेन, सदर गंज बाजार, सदर कबाड़ी बाजार, सब्जी मंड़ी व दाल मंड़ी पर पड़ रही है। एसपी ट्रैफिक को बुलाकर यहां की बुरी दशा के दर्शन भी करा चुके हैं, वादा किया था कि सब ठीक होगा, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। हापुड़ स्टैंड चौराहे को तो और भी बुरा हाल है। दो मिनट का रास्ता अब ई रिक्शा की बदौलत बीस मिनट में पार होता है। हैरानी तो यह है कि ट्रैफिक के स्टाफ की मौजूदगी के बावजूद भी ई रिक्शा प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच रहे हैं।
चाकू छूरे लेकर हैं निकलते
ई रिक्शा का हैंडल किनके हाथों में है इसकी कभी पड़ताल नहीं की जाती। भाजपा के वरिष्ठ नेता अंकुर गोयल खंदक ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र में एक ई रिक्शा चालक ने व्यापारी को चाकू घोंप दिया। व्यापारी लहू लुहान हो गया। अंकुर गोयल जख्मी व्यापारी को लेकर कोतवाली थाना पहुंचे और कार्रवाई की मांग की।
नाबालिग हाथों में
शहर में दौड रहे तमाम ई रिक्शाओं का हेंडल नाबालिग हाथों में है। सीनियर आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी बताते हैं कि तमाम ऐसे ई रिक्शा हैं जिनको नाबालिग दौडा रहे हैं। कुछ ई रिक्शा शहर की पुरानी आबादी में ऐसी भी नजर आयी जिनको सत्तर साल की महिलाएं चला रही हैं। इनमें से किसी पर लाइसेंस होगा इस बात की उम्मीद नहीं क्योंकि नियमानुसार नाबालिग का लाइसेंस नहीं बनता। ऐसे ई रिक्शा रोड पर लोागें को ठोक रहे हें। आरटीओ से मिली जानकारी के अनुसार शहर में करीब साठ हजार से ऊपर ई रिक्शा दौड़ रहे हैं इनमें से महज 13 से 15 हजार का ही पंजीकरण है।