मेरठ/ पावर अभियंताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उत्तर प्रदेश ने जमकर गुस्सा निकाला। संघर्ष समिति, ने पावर कापोर्रेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि इस भीषण गर्मी में प्रबंधन अनावश्यक तौर पर अभियंताओं का उत्पीड़न कर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति फैला रहा है। वीसी के नाम पर 87 अभियंताओं पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही करने में लगा है। बुधवार को 22 किसान संगठनों ने प्रदेश के समस्त जनपदों में जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर पूर्वांचल विद्युत निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय रद्द करने की मांग की। संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली कर्मियों का विरोध प्रदर्शन प्रांत भर में जारी रहा।
संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को लगातार 189 वें दिन मेरठ में शाम 5 बजे विद्युत जानपद मण्डल प्रांगण, ऊर्जा भवन कार्यालय में हुई विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की। इंजी. सी पी सिंह, इंजी. निशान्त त्यागी, इंजी. प्रगति राजपूत, इंजी. राम आशीष कुशवाहा, गुरुदेव सिंह, रविंद्र कुमार, प्रेम पाल सिंह, अश्वनी कुमार, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
मेरठ में पानी बिन मर रहे हैं पशु
दहशत में व्यापारी दुकानें रखी बंद