फाइलों में दम तोड़ रहे आदेश

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फाइलों में दम तोड़ रहे आदेश, -तो क्या जरूरी है अवैध कालोनियां- मेरठ महा योजना को पूरी तरह से साकार रूप देने से पहले क्या मेरठ में अवैध कालोनियों का जाल का होना जरूरी है। यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि अवैध कालोनियों पर प्रभावी कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। इनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश फाइलों में दम तोड़ रहे हैं।

मेरठ महायोजना 2031 को लेकर तमाम दावे करने वाले शासन प्रशासन के अफसरों पर क्या इस बात का कोई जवाब है कि क्या अवैध कालानियो के मेरठ में तेजी से बिछ रहे जाल के चलते महायोजना को अमली जामा पहनाया जा सकेगा। बीते साल यानि 2022 को जून माह में मीडिया से मुखातिब होते हुए मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मृदुल चाैधरी ने मेरठ महायोजना का खाका पेश किया था। इस मीडिया मीट में सचिव चंद्रपाल तितवारी भी मौजूद रहे थे। तत्कालीन उपाध्यक्ष ने जानकारी दी कि  एक वर्ष से बनाई जा रही महायोजना-2031 का ड्राफ्ट बुधवार को एमडीए उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी और  सचिव चंद्रपाल तिवारी ने एमडीए सभागार में प्रेस वार्ता में प्रस्तुत किया। सरधना , मवाना, लावड़ , बहसूमा ,  खरखौदा, हस्तिनापुर , दौराला, मेरठ, मेरठ कैंट और  जिले के 305 गांव भी महायोजना के दायरे में आ गए हैं। ड्राफ्ट एक महीने तक शहर में 15 जगह प्रदर्शित होगा और लोग इस पर सुझाव दे सकेंगे। नई महायोजना का विस्तार करीब 1043 वर्ग किमी में होगा। महायोजना-2031 में  नया औद्योगिक हब गंगा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण (हापुड़ रोड से जैनुद्दीनपुर तक) के किनारे प्रस्तावित किया गया है। महायोजना में शामिल कस्बों को भी औद्योगिक क्षेत्र में शामिल किया गया है। इससे मेरठ में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और शहर तेजी से एनसीआर का नया औद्योगिक हब बन सकेगा।
दौराला और कायस्थ गांवड़ी में 800 हेक्टेयर में विकास क्षेत्र
दौराला और कायस्थ गांवड़ी 400-400 हेक्टेयर के दो विशेष विकास क्षेत्र प्रस्तावित किए गए हैं। शासन की ट्रांजिट ओरियंटेड पॉलिसी लागू होने के बाद यहां मिश्रित भू-उपयोग अनुमन्य होगा। इन इलाकों में नीचे कार्यालय और ऊपर मकान भी बनाए जा सकेंगे। इसी को देखते हुए शहर के दिल्ली रोड और रुड़की रोड पर दो विशेष विकास क्षेत्र दिए गए हैं।

मवाना, सरधना, हस्तिनापुर में भी बनेंगे ट्रांसपोर्टनगर

औद्योगिक हब की संभावनाओं को देखते हुए महायोजना में प्रस्तावित किए गए शहरी केंद्रों पर ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित किए गए हैं। हस्तिनापुर, मवाना, लावड़, सरधना आदि में ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र लिया गया है।

रैपिड रेल कॉरिडोर के पास मिश्रित भूउपयोग 
वहीं, रैपिड रेल के एलाइनमेंट के 500-500 मीटर दूरी पर प्रभाव क्षेत्र तय किए गए हैं। अगले कुछ दिनों में सरकार की आने वाली ट्रांजिट ओरियंटेड पॉलिसी में मिश्रित भू-उपयोग का फायदा भी जनता को मिल सकता है।

दौराला में एकमात्र लॉजिस्टिक पार्क
कोलकाता से लुधियाना तक बनाए जा रहे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के एलाइनमेंट पर दौराला में एकमात्र लॉजिस्टिक पार्क महायोजना में रखा गया है। इससे मेरठ के उत्पाद मुंबई और कोलकाता तक ले जाना सुविधाजनक होगा। ये प्रोजेक्ट भी मेरठ के लिए एक नई संभावनाओं को पूरा करने में मदद करेगा।

महायोजना-2031 में प्रस्तावित भू-उपयोग क्षेत्रफल
आवासीय – 12434.56 हेक्टेयर
व्यावसायिक – 1213.03 हेक्टेयर
औद्योगिक – 3487.46 हेक्टेयर
पब्लिक एंड सेमी पब्लिक – 3184 हेक्टेयर
पार्क और ओपन स्पेस – 6065.15 हेक्टेयर
यातायात और परिवहन – 3032.58 हेक्टेयर
अन्य – 909.77 हेक्टेयर

प्राधिकरण प्रशासन से वाजिव सवाल
महायोजना में दौराला व कायस्थ गाबड़ी को लेकर तमाम बातें कहीं गयी थी। दावा किया गया था कि मिश्रित भू उपयोग की अनुमति दी जाएगी। जिसके तहत नीचे व्यवसायिक उपयोग और ऊपर आवास बनाने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन तब यह नहीं बताया गया था कि एमडीए के इस जोन में अवैध कालोनियों को भी जगह दी जाएगी। मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन बी रूडकी रोड क्षेत्र में एक अरसे से उसमें तत्कालीन एमडीए उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी का कार्यकाल भी शामिल है दौराला और आसपास के इलाके में कई अवैध कालोनियां काट दी गयी हैं। इसी जोन के हिन्दू शमशान घाट में अवैध मार्केट रामा कुंज बना दिया गया है। ऐसा नहीं की एमडीए प्रशासन की महायोजना के एलान के बाद अवैध कालोनियों पर अंकुश लग गया हो, बल्कि सच्चाई तो यह है कि जब से महायोजना का एलान किया गया है तब से मेरठ में जमीनों के भाव आसमान छू रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी के चलते बिल्डर बने भूमाफियाओं में किसानों की जमीनों को कब्जाने की अंधी दौड़ शुरू हो गयी है। इसका प्रमाण जोन बी का  इलाका है जहां अवैध कालोनियों का जाल बिछाया जा रहा है।
किला रोड, लावड रोड, भोला रोड क्या महायोजना का पार्ट नहीं
मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन डी-फोर किला रोड पर अवैध कालोनियों का जाल बिछाया जा रहा है। अनुमान है कि करीब दर्जन भर अवैध कालोनियों का काम इन दिनों चल रहा है। इनमें खुद को भाजपा का नेता बताने वाले प्रजापति, पवित्र मित्रा, सुभाष उपाध्याय सरीखों की खेतों में काटी गयी अवैध कालोनियां भी शामिल हैं। जोन बी के लावड रोड के जंगलों में तो भूमाफियाओ को न्यौता देने का काम सोफीपुर में हिन्दू शमशान के बराबर राम कुंज अवैध मार्केट बनाने वाले दौराला के भूमाफिया ने किया है। जोन बी-वन स्वाति एन्कलेव किसी जिले सिंह नाम के शख्स द्वारा काटी गयी अवैध कालाेनी है। इसके अलावा बागपत रोड जोन-सी-3 पर किसी अरविंद सिंहल ने अवैध कालोनी काटी है। इसी तर्ज पर भोला रोड पर बोबी शर्मा जो खुद को भाजपा रोहटा मंडल का पदाधिकारी बताता है इन दिनों उसकी भी अवैध कालोनी की एमडीए के स्टाफ में खूब चर्चा होती है। लेकिन बड़ा सवाल यही कि क्या मेरठ महायोजना के लिए अवैध कालोनियों का जाल भी जरूरी है।

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