मेरठ। सदर जैन समाज का सीए संजय जैन पर दवाब आखिर काम कर ही गया। सदर जैन समाज को जिस एफआईआर का इंतजार कर रहा था वो थाना सदर बाजार में दर्ज हो गयी है। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर को साल 2014 से लूटने वालों को ना केवल अब जेल भेजा जाएगा, बल्कि उन्हें सदर जैन समाज का पाई-पाई का हिसाब भी देना होगा। करीब चार सौ साल पुराने इस जैन मंदिर की की लुटेरों से निपटने का काम सदर जैन समाज ने सीए डा. संजय जैन को सौंपा था, वो काम उन्होंने पूरा कर दिया है। ऋषभ एकाडेमी के सचिव डा. संजय जैन का कहना है कि दस बीस लाख या करोड़ दो करोड़ की लूट का यह पूरा मामला नहीं है बल्कि करोड़ों रुपए के मंदिर को दिए गए दान की लूट का यह पूरा मामला है। मंदिर को जिस प्रकार से 2014 के बाद से लूटा जा रहा है, उस लूट ने उनका अंर्तमन झकझोर कर रख दिया था। उन्होंने प्रण लिया था कि जैन समाज की ओर से इस प्राचीन मंदिर को दिए जाने वाले दान का करोड़ों की धन संपदा लूटने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचा कर सदर जैन समाज को जरूर चिंता मुक्त करेंगे। भगवान महावीर जी की कृपा से यह संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि केवल धन ही नहीं लूटा गया, इस प्राचीन मंदिर की संपदा की भी लूट गयी गयी है। लूट का यह कार्य संगठित गिरोह की तर्ज पर किया गया।
दान के पाई-पाई के पैसे का लिया जाएगा हिसाब, शुरूआत बंटी व मृदुल से संभव
मंदिर के लुटरों को उनके अंजाम तक पहुंचाने वाले सीए डा. संजय जैन ने बताया कि मंदिर में लूट करने वालों से पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं, इसी के चलते सदर जैन समाज की जो इच्छा थी उसको पूरा करने में कुछ विलंब हुआ, लेकिन अब एफआईआर हो गई है। एसएसपी ने एफआईआर के पहले आदेश किए, उसके बाद यह एफआईआर संभव हो सकी। एफआईआर के बाद सलाखों के पीछे पहुंचाने की शुरूआत मृदुल जैन व अनिल बंटी से होगी। फिलहाल चार या पांच नामजद हैं और करीब पंद्रह अज्ञात हैं। सभी का बारी-बारी से हिसाब किया जाएगा।
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