हे प्रभु! धर्म को बना बैठे धंधा

kabir Sharma
6 Min Read
WhatsApp Channel Join Now

सदर जैन समाज का तो इंकार, फिर किसने बनाया प्रेम मामा को चुनाव अधिकारी

मेरठ। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर दुर्गाबाड़ी के जिन तथाकथित चुनाव से प्रबंध समिति के तीस में छब्बीस सदस्यों ने हाथ झाड़ लिए हैं। यहां तक की दो महिला सदस्य संतोष व प्रीति जैन ने भी हाथ झाड़ लिए उन तथाकथित चुनावाें को कराने के लिए प्रेम मामा को किसने जिम्मेदारी दी। क्योंकि 2014 के बाद तो कोई चुनाव ही नहीं हुए। मंदिर जी की कमेटी कालातीत हो चुकी थी। डिप्टी रजिस्ट्रार भी कालातीत कमेटी का चुनाव तब तक नहीं कराएंगे जब तक कि वोटर लिस्ट ना हो और सदर जैन समाज से जाकर कोई उनसे आग्रह ना करे। इस वक्त इस बात का जिक्र नहीं अभी तो सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जब तीस में से छब्बीस ने तथाकथित चुनावों से पल्ला झाड़ लिया है तो फिर सवाल उठता है कि प्रेम मामा को किसने कहा कि चुनाव करा दो, यहां यह मान लिया जाए कि जो आज खुद को पदाधिकारी बता रहे हैं, उन चारों ने मंदिर जी की धन संपदा के लिए यह कुटरचित योजना बनायी। प्रेम मामा को चुनाव अधिकारी बना दिया और चुनाव के नाम पर नोटंकी के बाद मंदिर पर काविज हो गए। केवल मंदिर जी पर काविज ही नहीं हुए बल्कि मंदिर जी में दान में आया करोड़ की राशि का गवन भी किया। एक किलो से ज्यादा सोना कहा गया। वैसे एक किलो सोना और करोड़ों की रकम को लेकर अब माथापच्ची की जरूरत नहीं क्योंकि रंजीत जैन पुलिस को सब कुछ बता आए हैं, जिसकी वीडियो ग्राफी हो चुकी है। ये चीजें ठोस साक्ष्य हैं जिनसे मृदुल जैन और अनिल बंटी ना नहीं कर सकते।

एक अन्य चीज जब वक्त कविवर सौरभ जैन सुमन ने आत्मदाह की धमकी दी थी और हिसाब मांगने पर जोर दिया था। उस वक्त पंच बने थे। ये पंच भी स्वयंभू थे सदर जैन समाज का इन पंचों से कोई लेना देना नहीं था। तब पंचों में शामिल प्रेम मामा व अनिल बंटी ने बयान दिया था कि मृदुल जैन से हिसाब ले लिया गया है। वह एक करोड़ की रकम और देगा। तो फिर यह मान लिया जाए कि जिन एक करोड़ व हिसाब चुकता की तब प्रेम मामा व अनिल जैन बंटी ने कही थी, मंदिर जी की वो रकम इनके पास है। यदि वो रकम इनके पास है तो फिर मंदिर जी की रकम मंदिर को वापस मिलनी चाहिए। कोई भी हो वो क्यों मंदिर जी की रकम व सोना अपने पास रखेगा। यह बात तो अब तो सदर जैन समाज भी कह रहा है कि जो कुछ हो रहा है उसमें गलत कुछ नहीं हो रहा है। मंदिर जी का पैसा व सोना मंदिर के पास जमा करना चाहिए। जैन समाज कुछ गलत भी नहीं कह रहा है। सभी सदर जैन समाज की इस बात के साथ कि मंदिर जी की करोड़ों की रकम और सोना वापस मंदिर जी में आना चाहिए कोई भी हो वह क्योंकि रकम व सोना अपने पास रखे। वैसे जो खुद को मंदिर समित का अब तक पदाधिकारी बताते रहे उनमें रंजीत जैन पुलिस को बयान दे चुके हैं कि जो कुछ किया है उसके लिए मृदुल जैन जिम्मेदार है। दिनेश जैन मंत्री, मृदुल जैन कोषाध्यक्ष, सुनील जैन उपाध्यक्ष का पुलिस इंतजार कर रही है। इनके अलावा विजय भंडारी, अनिल बंटी जिन्हें इस खेल का असली खिलाड़ी माना जा रहा है, अनिल जैन कैंट बोर्ड के पूर्व मैंबर जो कह चुके हैं कि वो कुछ नहीं जानते ये लोग साइन कराने आए थे, उन्हाेंने सीधे स्वभाव साइन कर दिए। इनके अलावा संजय सुखदा, सुशील चावल से पुलिस का हिसाब किताब लेना बाकि है। पुलिस ही नहीं सदर जैन समाज भी इनको लेकर बेहद नाराज है। सदर जैन समाज इस बात से भी नाराज है कि कुछ गुनाहगारों जिनके खिलाफ थाना सदर बाजार में FIR दर्ज हुई है, उनको बचाने के पैरवी कर रहे हैं। जिन्होंने मंदिर जी को दान में दी गई रकम और सोने का गवन किया है, भले ही वो क्यों ना हो उनके चेहरे से नकाब अब उतर चुका है। ऐसो का हश्र आशाराम सरीखा होने वाला है जो धर्म कर्म के नाम पर सदर जैन समाज को अंत तक गुमराह करते रहे। सदर जैन समाज के लाेगों का कहना है कि सब कुछ माफी लायक है, लेकिन मंदिर जी को दान में मिले करोड़ की नकदी व कई किलों सोने का गवन क्षमा लायक नहीं है।

सीईओ साहब! दे दो सेंट्रल पार्किंग

खुद के जांच में फंसने के बने हैं आसार

- Advertisement -

नैन्सी में अब रिजॉर्ट की तैयारी

WhatsApp Channel Join Now
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes