शहर के दस नहीं सभी बडे चौराहों के आसपास ठेकेदारों की मार्फत सड़कों पर कब्जे-सड़कों की नीलामी रूके तो सुधरे चौराहों की सेहत


मेरठ/ जाम की चपेट में रहने वाले शहर के दस चौराहों पर यातायात की सेहत सुधारने की कवायद एसएसपी डा. विपिन ताडा ने शुरू की है।लेकिन सड़कों की नीलामी रूके तो सुधरे चौराहों की सेहत शहर के चौराहे जाम मुक्त होने ही चाहिए, लेकिन इसके लिए एसपी और सीओ रेंक के अफसरों के चौराहों की जिम्मेदारी देने के अलावा यदि ठेकेदार की मार्फत शहर की सड़कों की नीलामी पर रोक लगा दी जाए तो टैफिक की सेहत के लिए फिर कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। टैफिक जाम की वजह ही केवल और केवल जो सड़कें टैफिक के लिए बनायी गयी हैं उन पर रोड़ साइडों या तो दुकानें लगवा दी जाएंगी या फिर तमाम प्रमुख बाजारों में व्यापारी दुकानों का सामान रखकर आधी सड़क घेर लेंगे तो वो चाहे चौराहें हो या फिर शहर के तमाम प्रमुख बाजार वहां जाम की समस्या से किसी भी कीमत पर निजात नहीं पाया जा सकता। शहर के किसी इलाके में चले जाइए वहां सड़कों पर दुकानें सजी मिलेंगी। ठेले वाले खड़े नजर आएंगे। दिन के वक्त यह अवैध अतिक्रमण इस शहर की कुंडली में अब लिखा गया लगता है। जब तक दिन के वक्त किए जाने वाले अवैध अतिक्रमण की ओर ध्यान नहीं दिया जाएगा तब तक चौराहों को जाम मुक्त कराने की तमाम कवायदें निष्प्रयोजन साबित होंगी। यहां यह भी बात ध्यान रखने काबिल है कि सड़कों पर दुकानें, ठेले या फिर किसी भी गैराज के बाहर गाड़ियों का रेला लगवाने का काम वो ठेकेदार करता है जिसको इलाके थाने से इन सब कामों की एवजी में कमाई का ठेका मिला हुआ है। ठेकेदार कमाई करे और हिस्सा ना निकाले ऐसा तो सोचना भी बचकानी बात होगी। सड़कों पर कब्जा कराने के नाम पर ठेका किसी एक थाने की प्रथा भर नहीं है, हर किसी थाने में यह होता है। भले ही वो वीआईपी इलाके का थाना सिविल लाइन ही भला क्यों ना हो। ये थाने की ठेकेदारी का ही कमाल है जो कमिश्नरी चौरो पर चारों ओर दिन में ठेलों का बाजार सज जाता है। कमिश्नरी चौराहे को जाम मुक्त कराने के नाम पर तमाम कवायदे की जाती हैं, लेकिन जो ठेले ठेकेदार ने खड़े कराए हैं उनकी ओर नजर भर कर भी नहीं देखा जाता, कार्रवाई की बात तो दिमाग से निकाल ही दीजिए।
पूरे शहर की सड़कें ठेके पर

यह हाल महज कमिश्नरी चौराहे का नहीं हैं। पूरे महानगर में वो चाहे लिसाड़ी रोड का इलाका हो या फिर बोम्बे बाजार से शिव चौक तक शाम के वक्त सजने वाला खाने पीने के सामान का बाजार अथवा सेंट्रल मार्केट में लगाने वाले ठेले और सड़क तक सजने वाली खाने के सामान की दुकानें हर जगह सड़कों का ठेका दिया जाता है। नाम न छापे जाने की शर्त पर सड़क पर दुकान व ठेला लगाने वाले बताते हैं कि बगैर पैसे तो दस मिनट भी कोई सड़क पर सामान नहीं रख सकता।
व्यापारी नेता भी कम नहीं

बाजारों में खडे होने वाले ठेले वाले केवल थाने के ठेकेदार को ही पैसे नहीं देते बल्कि जिस बाजार में वो खडेÞ होते हैं मसलन आबूलेन, बोम्बे बाजार, सदर कबाड़ी बाजार, सेंट्रल मार्केट, कंकरखेड़ा या फिर शारदा रोड जितने भी शहर के प्रमुख बडेÞ बाजार हैं उस इलाके के व्यापार संघ की ओर से भी ठेकेदार वसूली करता है। और तो और कई ऐसे व्यापारी भी बताए जाते हैं जो अपनी दुकान के आगे ठेला खड़ा करने के पैसे लेते हैं। इस मामले में सबसे मोटी कमाई लालकुर्ती पैठ एरिया के व्यापारियों की बतायी जाती है। बाजार कोई भी यदि किसी प्रतिष्ठान के सामान ठेला या फड़ लगता है तो थाने के ठेकेदार के अलावा दुकानदार को भी पैसे देने होते हैं।
प्रयोग नहीं साबित हुए कारगर

टैफिक पुलिस ने शहर के दो प्रमुख चौराहों बेगमपुल और हापुड़ स्टैंड को जाम मुक्त बनाने के नाम पर वहां ई रिक्शाओं की एंट्री बैनकर दी। बेगमपुल व हापुड रोड चौराहे की सेहत पुलिस के दावों में सुधर गई, लेकिन इस कवायद के साइड इफैक्ट की बात अफसर नहीं करते। इन चौराहों के जो आसपास के इलाके हैं वहां ईरिक्शाओं की वजह से किन मुसीबतों से उस इलाके के लोग गुजर रहे हैं इसकी भी बात नहीं की जा रही है।
इन अफसरों को दी गयी है जिम्मेदारी
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को बेगमपुल चौराहा, एसपी क्राइम अवनीश कुमार तेजगढ़ी चौराह, एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्रा हापुड़ अड्डा चौराहा, सीओ क्राइम नवीना शुक्ला बिजली बंबा चौराहे का प्रभारी, दौराला के सीओ प्रकाश चंद कंकरखेड़ा बाईपास चौराहे की यातायात व्यवस्था देखेंगे, सीओ कैंट संतोष कुमार टैंक चौराहा, रेलवे रोड चौराहा सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार, सीओ यातायात नवीना शुक्ला को बच्चा पार्क चौराहे की भी जिम्मेदारी दी गई है, जो स्कूलों के आसपास होने के कारण विशेष रूप से व्यस्त रहता है। ब्रह्मपुरी के सीओ फुटबाल चौक और सिविल लाइंस के सीओ को जेल चुंगी चौराहे की जिम्मेदारी सौंपी गई है।