नई दिल्ली/तेहरान। ईरान पर इजराइल का हमला बेहद सटीक था। इस हमले की इरान को भनक तक नहीं लगने दी गयी। इजराल के प्लेनों ने ईरान सीमा को ना केवल पार किया, बल्कि जबरदस्त हमला भी बोला और सुरक्षित लौटकर भी आ गए। वहीं दूसरी ओर अरब देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा ही नहीं कि बल्कि विश्व के देशों खासतौर से पश्चिम में अपने मित्र देशों से इस हमले की निंदा करने का आग्रह किया है। ईरान पर हमले के बाद एक बार फिर से मुस्लिम देशों में एकजुटता का जिन बोतल से बाहर आ गया है। इजरायल ने ईरान पर अबतक के सबसे बड़े हमले में ईरान को जबर्दस्त चोट पहुंचाई है। ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के नाम से शुरू किए गए इस हमले में इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर जबरदस्त मार की है। यही नहीं इजरायल ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को मारने का दावा किया है। इजरायल ने ईरान के टॉप सैन्य कमांडरों को मार डाला है। ईरानी रक्षा मंत्री ने इजराइली हमले की पुष्टि की है। इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया है। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनके फाइटर जेट्स ने दुश्मन देश पर शुक्रवार सुबह हमला किया है।न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने तेहरान के आसपास कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन 6 में से 4 जगहों पर परमाणु ठिकाने भी मौजूद हैं। ईरान के सरकारी मीडिया ने पुष्टि की है कि इजराइली हमले में इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। अल-जजीरा के मुताबिक हमले में ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फरदून अब्बासी भी मारे गए हैं। इजराइल ने यह दावा किया है कि हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी, सेना के अन्य बड़े अधिकारी और कुछ वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
इस बीच, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने कहा कि हमारी सेना इजराइल को सजा दिए बिना नहीं जाने देगी।