इसे कहते हैं ऑरिजनल श्रमिक दिवस

इसे कहते हैं ऑरिजनल श्रमिक दिवस

इसे कहते हैं ऑरिजनल श्रमिक दिवस, एयर कंडीशन हाल, सजा हुआ मंच, इस पर मंचासीन वो जो श्रमिक को श्र तक नहीं जानते और बातें और दावे इतने बड़े-बड़े की झूठ भी शरमा जाए, लेकिन इस दिखावे और दावों से दूर  ग्लोबल सोशल कनेक्ट के सदस्यों ने मवाना ब्लॉक के निलोह गांव के आंगनवाड़ी के बच्चों के साथ मनाया श्रमिक दिवस। इसी प्रकार के कार्यक्रम वास्तविकता के करीब औरा दिखावे से दूर माने जाते हैं, इसको साकार किया ग्लोबल सोशल क्नेक्ट की ऋचा सिंह ने, जिनका काम करने का तरीका शायद कुछ अलग है। सोशल एक्टिविटिज के नाम पर हवाई दावे करने वाले सोशल संगठनों से इतर ग्लोबल सोशल क्नेक्ट इसीलिए सबसे अलग, लेकिन सबसे आगे रहता है। ऋचा एंड टीम ने  शनिवार को आंगनवाड़ी निलोहा का दौरा किया जो संस्था ने गोद ली है और वहां जाकर श्रमिक दिवस मनाया । डेवलपमेंट कोऑर्डिनेटर बबिता सोम ने छोटे छोटे बच्चों को श्रमिक दिवस का अर्थ बताते हुए उनसे पढ़ाई को गंभीरता से लेने का महत्व समझाया संस्था के सदस्य उदित चौधरी ने बच्चों को कविता पढ़ने का तरीका भी सिखाया । संस्था की सदस्य सोनम वर्मा ने बच्चों को खेतों में ना जाकर स्कूल आने को कहा और काम ना करकर पढ़ाई की सलाह दी । संस्था के सदस्य यहां आज दूसरी बार गए हैं और बच्चों को और वहां की समस्याओं को समझने की कोशिश कर रहे हैं । संस्था की अध्यक्षा ऋचा सिंह ने गांव के प्रधान सतबीर सिंह का उनके सहयोग के लिए धन्यवाद किया , उन्होंने डी.पी.ओ. विनीत कुमार सिंह का भी धन्यवाद किया जिन्होंने वहां की समस्याओं को सुनकर तुरंत कार्यवाही करने का आश्वासन दिया । श्रमिक दिवस के अवसर पर ऋचा सिंह , बबिता सोम , सोनम वर्मा , उदित चौधरी मुकेश आर्या ,सतबीर सिंह , रुद्राक्ष चौधरी , रेखा , सुंदर आदि उपस्थित रहे । वाकई यह एक अनुकरणीय और शानदार प्रयास था उन बच्चों के लिए जो श्रमिकों के हैं।

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