वैश्य संगम ने किया ईश्वर का सम्मान

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वैश्य संगम ने किया ईश्वर का सम्मान, भारतीय वैश्य संगम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कवि ईश्वर चंद गंभीर को सम्मानित किया गया। आयोजन सात फेरे रेस्टोरेंट गढ़ रोड पर किया गया। बैठक की अध्यक्षता अंबुज गुप्ता  ने की व संचालन महामंत्री विपुल सिंघल ने किया।  बैठक में दो मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। देश में कई स्थानों पर घटते भू-जल स्तर को देखते हुए संस्था के द्वारा स्कूल व जनता के मध्य जाकर नियमित रूप से पानी के महत्व व इसके बचाव पर जानकारी देने के कार्यों को बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। कोरोना महामारी पिछले दो वर्षों से लगातार अपनी जगह देश में बनाए हुए है। अभी हाल ही में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने की ओर है। ऑक्सीजन की कमी पर्यावरण में ना हो व शुद्ध वातावरण के लिए आने वाले बरसात के मौसम में संस्था प्रत्येक प्रदेश के प्रत्येक जिला स्तर पर अधिक से अधिक पौधारोपण करने के लिए सदस्य व आम लोगों को जागरूक करने का काम करेगी। इस मौके पर विशेष आमंत्रित देश के जाने माने कवि ईश्वर चंद गंभीर जी तथा कवि राजीव राजा भी मौजूद रहे। जिन्होंने इन विषयों पर अपनी कविताओं से सभी को प्रेरित किया। ईश्वर चंद गंभीर  ने पृथ्वी दिवस को लेकर कहा “आबादी के परिणामों से सुलग रही है धरती सारी, वन उपवन रोते हैं अब तो खुलकर हंसे कुल्हाड़ी आरी”। पानी के विषय उन्होंने कहा “अगर ना रोका हमने पानी झील और तालों में, पानी फिर दो जगह मिलेगा, आंख और छालों में।
युवा कवि राजीव राजा ने गीत के माध्यम से सभी को जागरूक किया। उन्होंने कहा “ओरो में नहीं खुद में ही बदलाव लाइयें, जो चाहते हो देखना सब कुछ वो पाईयें, घायल कहीं जमीर ना हो जाए देखना, अपनी जरूरतों को ना इतना बढ़ाइए। कवि ईश्वर चंद गंभीर जी को संस्था की ओर से सम्मानित किया गया। इस मौके पर भारतीय वैश्य संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंबुज गुप्ता, महामंत्री विपुल सिंघल, कोषाध्यक्ष अजय सिंघल, नवीन अग्रवाल, विकास गोयल, सुरेश चंद गुप्ता, अतुल गर्ग, डॉक्टर पुनीत कंसल, सतीश बिंदल, दीपक मित्तल, सतीश चंद्रा, हिमांशु गोयल आदि उपस्थित रहे।

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