सारा खेल खातों को छिपाने का

kabir Sharma
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पहले करोड़ों की अवैध वसूली फिर बंदरबाट
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सनातन धर्म इंटर कालेज के तीन खातों में भारी धांधली, पीटीए खाता वित्तविहीन खाता व रखरखाव खातों मे कैद हैं कारगुजारियां, कमिश्नर, डीएम, जेडी से जांच की मांग

मेरठ। सनातन धर्म इंटर कालेज सदर में जो कुछ घपले घोटाले चल रहे हैं सारा खेल उनको छिपाने का चल रहा है। यदि इन खातों की ही जांच किसी तीसरी एजेंसी या फिर सीबीसीआईडी से करा दी जाए तो दूध का दूध पानी का पानी तो होगा ही साथ ही कई सलाखों के पीछे भी चले जाएंगे। इस मामले का सारा लब्बोलुआव जो बताया गया है वो यह कि जो समाज में खुद को सफेदपोश के तौर पर पेश कर रहे हैं उनके हाथ ही समाज के गरीब तबकों से आने वाले बच्चों से की जा रही कथित उगाही के करोड़ों रुपए के घपले घोटालों में सने हुए हैं। इसको निर्लजता की पराकाष्ठा बताया जा रहा है।

सबूतों के आधार पर

गरीब बच्चों से अलग-अलग नामों से की जाने वाली इस कथित उगाही के तमाम साक्ष्य मौजूद होने की जानकारी कालेज के प्रवक्ता मनोज सिंधु ने दी है। उन्होंने बताया कि कालेज के जो लोग इसअवैध उगाही में लिप्त हैं उन्हें इस बात की जानकारी होते हुए भी कि शासन से इस प्रकार की उगाही पर सख्त मनाही है, उसके बाद भी योगी सरकार के अफसरों की रोक के बाद भी कालेज में गरीब बच्चों को दोहन आज भी जारी है। इतना ही नहीं चारों ओर फजीहत होने के बावजूद पैसों के लालच में यह अवैध उागही आज भी जारी है। सनातन धर्म इंटर कालेज में चौसठ शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का भुगतान भी गरीब परिवारों से आने वाले बच्चों से की जा रही अवैध उगाही से किया जा रहा है। यह पूरा मामला वित्तीय अपराध की श्रेणी में आता है जिसमें सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान है। घोटाले में जो लिप्त हैं वो यदि यह समझते हैं कि जेल जाने की नौबत पर बाहर से बाहर जमानत करा लेंगे तो उन्हें यह स्पष्ट कर दिया जाता है कि जिन अपराधों में सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान है उन मामलों मे कभी भी बाहर से बाहर जमानत नहीं मिलती हैं, इसके अलावा सबसे गंभीर बात यह है जो कुछ बताया गया है उसकी परिभाषा की यदि बात करे तो वह संगठित अपराध की श्रेणी में आता है।

एंटी करेप्शन पर ठोस साक्ष्य

इस मामले की शिकायत अपर पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोध संगठन यानि एंटी करेप्शन विभाग से 28 अक्तूबर को भेजी गई थी। इस जांच को बाद में आईजीआरएस पर अपलोड कर डीएम को जांच के लिए भेजा गया है। सूत्रों की मानें तो एंटी करेप्शन के जो अफसर इस मामले की जांच कर रहे हैं उनके हाथ कुछ पुख्ता साबूत लगे हैं या उन्हें उपलब्ध कराए गए हैं। जिसके चलते इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि जिन्होंने समाज के गरीब तबके के बच्चाें से छदम नामों से उगाही की है वो शीघ्र ही सलाखों के पीछे जा सकते हैं।

मामला इनके भी हैं संज्ञान में

करोड़ों रुपए के इस घपले घोटाले को लेकर पूर्व प्रधानचार्य डा. ब्रजभूषण बंसल व कमेटी के अध्यक्ष सुरेश चंद गोयल, सचिव राजेनद्र सिंहल, कोषाध्यक्ष कपिल अग्रवाल सरीखों की तमाम कारगुजारियां सीएम कार्यालय, शासन के सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक समेत शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों की नॉलेज में है। हालांकि जब इस संबंध में इस संवाददाता ने सुरेश चंद गोयल से बात की तो उन्होंने दो टूक कहा कि मामले की जांच कर रहे अधिकारी के सामने वह सारे खाते ले जाकर रख देंगे, जबकि करोड़ों की इस कथित उगाही के मुख्य आरोपी पूर्व प्रधानाचार्य व कालेज की वर्तमान कमेटी के उप प्रबंधक डा. ब्रजभूषण बंसल ने सफाई दी की उन्होंने जो भी पैसा लिया है शासन के नियमों के तहत लिया है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो सवाल पूछे जा रहे हैं उनका उत्तर केवल वर्तमान प्रधानाचार्य अरुण कुमार गर्ग ही दे सकते हैं।

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