मोह नहीं छूट रहा बोर्ड अफसरों का, कैंट के नागरिक क्षेत्र नगर निगम मेरठ में मर्ज किए जाने के लिए बोर्ड की बैठक भी हो गयी, नक्शे का प्रारूप भी पेश कर दिया गया। लेकिन सवाल बाकि रह गया कि ऐसा क्या कारा है जो कुछ इलाकों का मोह है कि छूटता नजर नहीं आ रहा। सबसे ज्यादा चर्चा बाउंड्री रोड को लेकर है। इसके अलावा अपने स्कूल तो निगम को दे दिए लेकिन प्राइवेट स्कूल जो वेस्ट एंड रोड पर मौजूद हैं उनका मोह फिर क्यों। कमोवेश यही स्थित सरकुलर रोड के नैंसी से पहले वाले हनुमान चौक तक के हिस्से को लेकर बनी हुई नजरआती है। वहीं दूसरी ओर माना जा रहा है कि अब कैंट के सिविल एरिया का नगर निगम में जाना तय है। इससे करीब लगभग 436 एकड़ जमीन व लगभग 50000 नागरिकों ओर केंट बोर्ड के आधे कर्मचारियों के प्रभावित होंगे। प्रस्तावित नक्शा पेश कर दिया गया।
ये इलाके जाएंगे
कैंट क्षेत्र के सदर बाजार , व बी सी बाज़ार जिसे रजबन का शिवाजी बाज़ार भी कहते है और बी आई बाज़ार जिसे जवाहर नगर यालाल कुर्ती भी कहा जाता है सहित आर ए बाजार जिसे सुभाष नगर या तोप खाना भी कहा जाता है इनका नगर निगम में जाना प्रस्तावित है । इसके अलावा आबू लेन व महताब व जली कोठी के केंट एरिया से लेकर रोडवेज व सोती गंज ओर बेगम पुल के नाले तक का बाज़ारी व सिविल एरिया नगर क्षेत्र में जाना प्रस्तावित है, लेकिन छावनी अधिनियम खत्म नही किया जाएगा। यह बंगला एरिया में वो लागू रहेगा ताकि हरियाली बनी रहे। बंगला एरिया में म्यूटेशन व अन्य सुविधाओं के लिए बोर्ड का वजूद रहेगा ताकि गुजारा चलता रहे। बोर्ड को वित्तीय अनुदान सेना द्वारा दिया जाता है और बोर्ड द्वारा ही सैन्य क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की जाती है बस इसी आधार पर अब गुजर बसर होगी।
ये भी निगम में
सीएबी स्कूल व आधारशिला स्कूल सहित सभी प्राइमरी स्कूल और पानी टंकियां व लगभग 1300 स्ट्रीट लाइट व लगभग 23 ग्रुप शौचालय नगर निगम को दिए जाने प्रस्तावित हैं । इसके अलावा मवेशी कारागार व सदर गंज बाज़ार का कूड़ा स्थान्तरण केंद्र व रजबन स्थित कचरा पृथकीकरण निस्तारण केंद्र, बोर्ड के अतिथि बैंकट , महिला छात्रावास , आबू लेन का बैंकट भी निगम में।
इनको लेकर ना
22 बी और 210 बी समेत समस्त बंगला एरिया बी आई लाइन बी सी लाइन रेस रोड वेस्टर्न रोड, लालकुर्ती से बेगम पुल तक का पेंठ एरिया, सोफिया, सेंट मैरिज, सेंट जॉन्स, चिराग, जीटीबी स्कूल, दिवान, एमपीएस, एस डी स्कूल, होटल डी रोज , रॉयल होटल, एसजीएम गार्डन, नैय्यर पैलेस, भगवान पैलेस , एडवोकेट हाउस, शांति फार्म, जैन मंडप ग्रांड क्रिस्टल जैसे बैंकट अपने पास रहेंगे ताकि वक्त जरूरत पर हरियाली पैदा की जा सके।
मुसीबत कर्मचारियों की
कैंट बोर्ड के करीब
50 हजार निवासी व व्यापारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे । इसके अलावा केंट बोर्ड के लगभग आधे कर्मचारी नगर निगम के कर्मचारी बन जाएंगे । जैसे स्कूलों के कर्मचारी व केंट बोर्ड का सफाई विभाग, ई एन्ड एम विभाग, टेक्स विभाग , राजस्व विभाग, भवन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का बंटवारा भी होगा ।
समिति का स्वरूप
रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति प्रदेश स्तर पर बनाई गई है जिसमे उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव व ए डीजी डिफेंस स्टेट ओर डायरेक्टर सेंट्रल कमांड ओर केंट बोर्ड अध्यक्ष व सीईओ शामिल हैं । इसके अलावा एक समिति जिला स्तर पर भी बनाई गई है जिसमे जिलाधिकारी या उनके प्रतिनिधि ओर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त व केंट बोर्ड सीईओ व उनके प्रतिनिधि शामिल रहेंगे । विलय की विषमताओं को सरल बनाने ओर योजनाओं के क्रियान्वन हेतु संयुक्त प्रयास करेंगे ।
इनका कहना है
यह कहना है सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा के उनके द्वारा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के समय से ही प्रयास किये जाते रहे है जिनके अब फलीभूत होने का समय आ गया है।
डा. लक्ष्मीकांत ने बताया वार्ता की है
राज्यसभा सदस्य डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया के उन्होंने भी इस विषय मे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कई बार वार्ता की है ।
अमित अग्रवाल करेंगे संगठन से चर्चा
वहीं केंट विधायक अमित अग्रवाल ने इसको लेकर एक मिटिंग वैस्ट एंड रोड पर ग्रांड ओरा में बुलायी है। उसमें संगठन के साथ चर्चा की जाएगी।
दिनेश गोयल बोले जनता हित प्रथम
कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल का कहना है कि जनता का हित प्रभावित नहीं होना चाहिए। उनके लिए संगठन व जनता सबसे ऊपर है।
सुनील वाधवा जनता को मिलेगी राहत
कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील वाधवा का कहना है कि जनता को अब राहत मिल सकेगी। इसमें अब देरी नहीं की जानी चाहिए। पैठ एरिया भी निगम में जाए।