
गाजा पर कब्जे को लेकर दो सल से हमास व इजराइल के बीच चल रही जंग में दोनों पक्षों के करीब सत्तर हजार लोग मारे जा चुके हैं, इनमें से पैसठ हजार गाजा नागरिक, लेकिन हमास ने भी इजराइल को भारी नुकसान पहुंचाया है
वार्ता पर इरान की नजर, इरान की अदेखनी करना मुश्किल, रूस नहीं चाहेगा हीराे बने अमेरिका
नई दिल्ली/शर्म अल शेख।। दो साल से गाजा पर कब्जे को लेकर हमास और इजराइल के बीच चली आ रही जंग में सत्तर हजार से ज्यादा बेगुनाह मारे गए हैं। इनमें से करीब 65 हजार हजार गाजा के फिलिस्तीनी नागरिक हैं। जहां तक इजराइल को नुकसार की बात है तो उसको भी हमास ने बड़े जख्म दिए हैं। मिस्र के शर्म अल शेख में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमास व इजराइल को वार्ता की टेबल तक तो ले आए हैं, लेकिन आगे बड़ी चुनौती हैं। दरअसल हमास से ज्यादा बड़ी चुनौती ट्रंप के लिए इजराइल है। हमास के लिए खोने के लिए कुछ नहीं है और इजराइल खासतौर से नेतन्याहू की अपने देश में प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। हमास व इजराइल की जंग को लेकर अमेरिका की परेशानी भी दुनिया से छिपी नहीं है। वार्ता होना और फिर समझौते का प्रारूप तेयार होना इससे भी बड़ी ट्रंप की अग्नि परीक्षा समझौता लागू कराने को लेकर है। युद्ध विराम की बात तो की जा रही हैं, लेकिन युद्ध विराम का जो असर नजर आना चाहिए वो नजर नहीं आ रहा है। नेतन्याहू का प्रयास है कि हमास से अपने सभी बंधक मुक्त कराए जाएं, लेकिन हमास भी जनता है कि उसके विकल्प धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। अब दो साल बाद इजरायल और हमास ने गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए अप्रत्यक्ष तौर से वार्ता शुरू की।
दरअसल, मिस्र के लाल सागर स्थित रिसॉर्ट शर्म अल-शेख में हो रही यह वार्ता अमेरिका की मध्यस्थता में हो रही है। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य पहले चरण का विवरण तय करना है। पहले चरण के विवरण में युद्धविराम शामिल है, जिससे हमास की ओर बनाए गए सभी शेष बंधकों को छोड़ा जा सके।
युद्ध के दो साल पूरे
इजरायल और हमास के बीच युद्ध के दो साल आज पूरे हो रहे हैं। दो साल पहले हमास के नेतृत्व वाले उग्रवादियों ने दक्षिणी इजरायल में धावा बोल दिया था। उन्होंने 1200 लोगों की हत्या कर दी थी। इसमें अधिकांश नागरिक थे। वहीं, 251 लोगों का अपहरण कर लिया था। इसके बाद इजरायल ने हमास को समाप्त करने की योजना बनाई लेकिन दुनिया ने देखा यह इतना आसान नहीं था।