अफसरों ने छोड़ा बड़ी रकम का ठेका, स्टे के बावजूद नहीं रोकी गई निविदा प्रक्रिया, कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं
मेरठ/ पीवीवीएनएल की एक निविदा मामले को लेकर स्टे के आदेश के बावजूद प्रक्रिया जारी रखने को लेकर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को डिस्कॉम के एमडी रवीश गुप्ता, चीफ गुरजीत सिंह तथा अधीक्षण अभियंता अभिषेक सिंह को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट के नोटिस को लेकर डिस्कॉम के टॉप अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं दूसरी ओर जिनको नोटिस हुआ है उन्होंने नोटिस से अनभिज्ञता जाहिर की है।
क श्रेणी के लाइसेंस की शर्त पर थी आपत्ति
यह पूरा मामला डिस्कॉक के परिवहन ठेकेदार सेंसरपाल की आपत्तियों से जुड़ा है। बीते मार्च में उन्होंने तत्कालीन एमडी को लिखे पत्र में कहा था कि निविदा 90/96 विनिम/मेरठ/24-25 का उल्लेख करते हुए उसमें क श्रेणी के लाइसेंस की अनिवार्यता पर आपत्ति की गयी थी और संज्ञान में लाया गया कि क श्रेणी का लाइसेंस केवल विद्युत लाइनें बनाने में अनिवार्य है गाड़ी चलाने के कार्य में नहीं। बकौल सेंसरपाल आपत्ति के बाद निविदा प्रक्रिया निरस्त कर दी गयी और नई निविदा 96 विनिम/मेरठ/24-25 निकाली गई, इस बार यह दो दर्जन गाड़ियों के लिए है, बताया गया कि इसमें कोई शर्त नहीं थी, लेकिन हायर रेटिंग और मॉट की शर्त लगा दी गयी जो अनुचित है, क्योंकि एमडी आॅफिस गाड़ियों से मुतालिक जो निविदा निकालता है उसमें भी ऐसी कोई शर्त नहीं होती। पत्र में आरोप है कि ये तमाम शर्ते उसकी फर्म को निविदा प्रक्रिया से बाहर रखने के लिए जानबूझ कर शामिल की गई। तत्कालीन एमडी को बताया गया कि अधीक्षण अभियंता से मिला, लेकिन उन्होंने चीफ-2 आॅफिस से अनुमति की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। एमडी को बताया गया कि यह सारा खेल निविदा कार्य देखने वाले स्टाफ का है। बार-बार रिटेंडर कराने की एमडी से जांच का आग्रह किया गया।
जून में दिए जांच के आदेश
निविदा प्रक्रिया को लेकर दर्ज करायी गयी आपत्तियों के बाद तत्कालीन एमडी ईशा दुहन ने16 जून को डायरेक्टर फाइनेंस को मामले की जांच के आदेश दिए तथा तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट पेश कर दी गई, लेकिन इस मामले में कसूरवार के खिलाफ किन्हीं कारणों से कार्रवाई नहीं की गई, जबकि जांच रिपोर्ट में कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
हाईकोर्ट से गुहार
इसके बाद एक अन्य फर्म भूमि एंटरप्राइजेज 1 अगस्त को हाईकोर्ट चले गए। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर को निविदा प्रक्रिया स्टे करने के आदेश दिए, लेकिन आरोप है कि निविदा प्रक्रिया जारी रखी गयी। जिसके बाद 21 नवंबर को हाईकोर्ट ने आदेशों की अवमानना मानते हुए एमडी रवीश गुप्ता, चीफ इंजीनियर मेरठ क्षेत्र मेरठ द्वितीय गुरजीत सिंह व सुप्रीटेंटेंड इजीनियर अभिषेक सिंह को नोटिस जारी कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई अगली सुनवाई अब फरवरी माह में होगी।
वर्जन
एमडी रवीश गुप्ता: इस संबंध में जब एमडी रवीश गुप्ता से संपर्क किया तो काल उनके स्टॉफ आफिसर सोनम सिंह ने रिसीव की और बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं
चीफ इंजीनियर गुरजीत सिंह: हाईकोर्ट के नोटिस को लेकर जब चीफ इंजीनियर गुरजीत सिंह से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया ऐसा तो नहीं है।
सुप्रीटेंटेंट इंजीनियर अभिषेक सिंह: नोटिस को लेकर जब एसई अभिषेक सिंह ने बात की गई तो उन्होंने आफिस में दिखवाए जाने की बात कही।
प्रवक्ता: पीवीवीएनएल के मीडिया प्रवक्ता एसके सिंह ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।